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लखनऊ । लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) अधिकारियों की लापरवाही और होटल हयात के मालिकों की मनमानी का नतीजा देखिए कि अपना घर होते हुए भी खोदाई से प्रभावित लोग बेघर कर दिए गए हैं। यह दीगर है चार महीने बाद उनकी घर वापसी होगी और इस बीच उन सभी के किराए के मकान का खर्चा कंपनी उठाएगी। कंपनी ने मकान मालिकों से चार महीने का एग्रीमेंट कर लिया है। वहीं दूसरी ओर गोमतीनगर के विभूतिखंड-2 में निर्माणाधीन स्थल पर मिट्टी की कटान रोकने के लिए तिरपाल से ढका गया है लेकिन यह उपाय काफी नहीं है। इसके अलावा एलडीए ने जिन अभियंताओं पर कार्रवाई की बात कही है, उन्हीं की देखरेख में काम चल रहा है। अब तक उनके खिलाफ एक्शन नहीं लिया गया। गौरतलब है कि गोमतीनगर के विभूतिखंड में होटल हयात चार्टर निर्माणाधीन है। इसके लिए मानकों से अधिक गहरी और चौड़ी खोदाई की वजह से इस साइट के नजदीक रहने वाले लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है। यहां मकानों को इस कदर नुकसान हो चुका है कि कम से कम इन्हें रहने लायक बनाने में चार महीना लग जाएगा। प्राधिकरण के सुपरवाइजरों का कहना है कि, चार महीना कम से कम कंपनी को यहां मकानों को फिर से मजबूत बनाने में लगेगा। इसके बाद ही इन मकानों में रहने वाले परिवारों के वापस आने की कोई उम्मीद है। कंपनी की ओर से पीड़ितों को मकान का किराया देने का वादा पहले किया गया था। एग्रीमेंट अब हुआ है।
आिखर कब होगी दोषी अभियंताओं पर कार्रवाई ः होटल के लिए की गई खोदाई से पीड़ित लोग बेघर हो गए। कंपनी ने किराया देने और मकान का पुननिर्माण कराने का वादा कर खुद को बचा लिया। वहीं दूसरी ओर यह पूरा प्रकरण जिनकी लापरवाही के चलते हुआ, एलडीए के वे अभियंता अभी तक कार्रवाई से बचे हुए हैं। एक्शन तो दूर उनके जोन में भी अभी तक बदलाव नहीं किया गया है सभी संबंधित अधिशासी, सहायक और अवर अभियंता इसी साइट पर तैनात रह कर अपनी नौकरी बजा रहे हैं। जबकि, प्राधिकरण के अधिकारी केवल कार्रवाई की घोषणा कर के ही मस्त हैं। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अष्टभुजा प्रसाद तिवारी का इस मामले में कहना है कि, इस मामले में कोई भी दोषी नहीं बख्शा जाएगा। बहुत जल्द ही एक्शन होगा। गौरतलब है कि इस मामले में सहायक अभियंता और अवर अभियंता को मुख्य दोषी माना जा रहा है।
लखनऊ । लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) अधिकारियों की लापरवाही और होटल हयात के मालिकों की मनमानी का नतीजा देखिए कि अपना घर होते हुए भी खोदाई से प्रभावित लोग बेघर कर दिए गए हैं। यह दीगर है चार महीने बाद उनकी घर वापसी होगी और इस बीच उन सभी के किराए के मकान का खर्चा कंपनी उठाएगी। कंपनी ने मकान मालिकों से चार महीने का एग्रीमेंट कर लिया है। वहीं दूसरी ओर गोमतीनगर के विभूतिखंड-2 में निर्माणाधीन स्थल पर मिट्टी की कटान रोकने के लिए तिरपाल से ढका गया है लेकिन यह उपाय काफी नहीं है। इसके अलावा एलडीए ने जिन अभियंताओं पर कार्रवाई की बात कही है, उन्हीं की देखरेख में काम चल रहा है। अब तक उनके खिलाफ एक्शन नहीं लिया गया। गौरतलब है कि गोमतीनगर के विभूतिखंड में होटल हयात चार्टर निर्माणाधीन है। इसके लिए मानकों से अधिक गहरी और चौड़ी खोदाई की वजह से इस साइट के नजदीक रहने वाले लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है। यहां मकानों को इस कदर नुकसान हो चुका है कि कम से कम इन्हें रहने लायक बनाने में चार महीना लग जाएगा। प्राधिकरण के सुपरवाइजरों का कहना है कि, चार महीना कम से कम कंपनी को यहां मकानों को फिर से मजबूत बनाने में लगेगा। इसके बाद ही इन मकानों में रहने वाले परिवारों के वापस आने की कोई उम्मीद है। कंपनी की ओर से पीड़ितों को मकान का किराया देने का वादा पहले किया गया था। एग्रीमेंट अब हुआ है।
आिखर कब होगी दोषी अभियंताओं पर कार्रवाई ः होटल के लिए की गई खोदाई से पीड़ित लोग बेघर हो गए। कंपनी ने किराया देने और मकान का पुननिर्माण कराने का वादा कर खुद को बचा लिया। वहीं दूसरी ओर यह पूरा प्रकरण जिनकी लापरवाही के चलते हुआ, एलडीए के वे अभियंता अभी तक कार्रवाई से बचे हुए हैं। एक्शन तो दूर उनके जोन में भी अभी तक बदलाव नहीं किया गया है सभी संबंधित अधिशासी, सहायक और अवर अभियंता इसी साइट पर तैनात रह कर अपनी नौकरी बजा रहे हैं। जबकि, प्राधिकरण के अधिकारी केवल कार्रवाई की घोषणा कर के ही मस्त हैं। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अष्टभुजा प्रसाद तिवारी का इस मामले में कहना है कि, इस मामले में कोई भी दोषी नहीं बख्शा जाएगा। बहुत जल्द ही एक्शन होगा। गौरतलब है कि इस मामले में सहायक अभियंता और अवर अभियंता को मुख्य दोषी माना जा रहा है।