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लखनऊ। राजधानी के बहुचर्चित सोना लूटकांड के आरोपी बर्खास्त सिपाही ने साथियों की मदद से कृष्णानगर क्षेत्र में एक दलित के दो मकानों पर कब्जा कर लिया। विरोध करने पर पीटकर भगा दिया। पीड़ित शिकायत लेकर कृष्णानगर कोतवाली पहुंचा तो फटकार कर भगाने के साथ ही चौकी इंचार्ज ने मकान की तरफ रुख न करने तक की हिदायत दे डाली। दबंगों के आतंक व पुलिस की फटाकर से सहमे दलित ने एसएसपी से गुहार लगाई। इस पर सीओ कृष्णानगर को जांच सौंपी गई है।
रेलवे में सेक्शन इंजीनियर गिरजा शंकर आलमबाग के बेरी मार्ग स्थित सरकारी आवास में अपने चार बच्चों के साथ रहते हैं। उन्होंने कृष्णानगर के कनौसी फाटक के पास 22 साल पहले दो मकान बनवाए थे। इनमें एक मकान अपने मामा को रहने के लिए दिया और दूसरे में गिरजा के एक दोस्त का भाई रह रहा था। आरोप है कि सोना लूटकांड के आरोपी बर्खास्त सिपाही रमाकांत यादव ने अपने साथी मदन सुनार, आशियाना के रुचि खंड निवासी रामाधार यादव, एक इंस्पेक्टर के बेटे विक्रम सिंह चौहान, कन्हई व नन्हेलाल यादव को लेकर दो गाड़ियों से पहुंचा। दोनों मकानों का सामान उठाकर ठिकाने लगाया और कब्जा कर लिया। जानकारी पर 22 जनवरी को गिरजा शंकर विरोध जताने पहुंचे तो दबंगों ने पीटा और धमकाते हुए भगा दिया।
गिरजा ने बरसों पुराने मकानों पर दिनदहाड़े कब्जे की पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी। काफी देर बाद दो सिपाही मौके पर पहुंचे। उन्होंने गिरजा को भोला खेड़ा चौकी भेजा। चौकी इंचार्ज ने कृष्णानगर कोतवाली का रास्ता दिखा दिया। गिरजा शंकर तहरीर लेकर कोतवाली पहुंचा तो आरोपी पहले से मौजूद थे। इंस्पेक्टर ने गिरजा की फटकार लगाई और उसे भगा दिया। कार्रवाई के लिए भटक ही रहा था कि चौकी इंचार्ज ने मकान की तरफ रुख न करने की हिदायत दे डाली। डरा-सहमा गिरजा शंकर एसएसपी ऑफिस पहुंचा। पुराने शहर में कानून व्यवस्था व गणतंत्र दिवस ड्यूटी के चलते एसएसपी से रविवार शाम संपर्क हुआ। एसएसपी ने सीओ कृष्णानगर राजेश कुमार श्रीवास्तव को जांच सौंपी है।
लखनऊ। राजधानी के बहुचर्चित सोना लूटकांड के आरोपी बर्खास्त सिपाही ने साथियों की मदद से कृष्णानगर क्षेत्र में एक दलित के दो मकानों पर कब्जा कर लिया। विरोध करने पर पीटकर भगा दिया। पीड़ित शिकायत लेकर कृष्णानगर कोतवाली पहुंचा तो फटकार कर भगाने के साथ ही चौकी इंचार्ज ने मकान की तरफ रुख न करने तक की हिदायत दे डाली। दबंगों के आतंक व पुलिस की फटाकर से सहमे दलित ने एसएसपी से गुहार लगाई। इस पर सीओ कृष्णानगर को जांच सौंपी गई है।
रेलवे में सेक्शन इंजीनियर गिरजा शंकर आलमबाग के बेरी मार्ग स्थित सरकारी आवास में अपने चार बच्चों के साथ रहते हैं। उन्होंने कृष्णानगर के कनौसी फाटक के पास 22 साल पहले दो मकान बनवाए थे। इनमें एक मकान अपने मामा को रहने के लिए दिया और दूसरे में गिरजा के एक दोस्त का भाई रह रहा था। आरोप है कि सोना लूटकांड के आरोपी बर्खास्त सिपाही रमाकांत यादव ने अपने साथी मदन सुनार, आशियाना के रुचि खंड निवासी रामाधार यादव, एक इंस्पेक्टर के बेटे विक्रम सिंह चौहान, कन्हई व नन्हेलाल यादव को लेकर दो गाड़ियों से पहुंचा। दोनों मकानों का सामान उठाकर ठिकाने लगाया और कब्जा कर लिया। जानकारी पर 22 जनवरी को गिरजा शंकर विरोध जताने पहुंचे तो दबंगों ने पीटा और धमकाते हुए भगा दिया।
गिरजा ने बरसों पुराने मकानों पर दिनदहाड़े कब्जे की पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी। काफी देर बाद दो सिपाही मौके पर पहुंचे। उन्होंने गिरजा को भोला खेड़ा चौकी भेजा। चौकी इंचार्ज ने कृष्णानगर कोतवाली का रास्ता दिखा दिया। गिरजा शंकर तहरीर लेकर कोतवाली पहुंचा तो आरोपी पहले से मौजूद थे। इंस्पेक्टर ने गिरजा की फटकार लगाई और उसे भगा दिया। कार्रवाई के लिए भटक ही रहा था कि चौकी इंचार्ज ने मकान की तरफ रुख न करने की हिदायत दे डाली। डरा-सहमा गिरजा शंकर एसएसपी ऑफिस पहुंचा। पुराने शहर में कानून व्यवस्था व गणतंत्र दिवस ड्यूटी के चलते एसएसपी से रविवार शाम संपर्क हुआ। एसएसपी ने सीओ कृष्णानगर राजेश कुमार श्रीवास्तव को जांच सौंपी है।