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डिजिटल दुनिया के इस दौर में सुरक्षित रहना किसी जंग की तैयारी करने से कम नहीं है। सोशल मीडिया के इस दौर में हम और आप तमाम तरह के एप इंस्टॉल करते हैं। इनमें से कई एप्स के बारे में तो हम जानते हैं लेकिन कई एप को हम दोस्तों की सलाह पर इंस्टॉल कर लेते हैं। सारा खेल इन एप्स से ही शुरू होता है। इन एप्स के जरिए आपके फोन में वायरस पहुंचते हैं और फिर आपके साथ धोखाधड़ी होती है। आज की इस रिपोर्ट में हम आपको यही बताएंगे कि आपके कंप्युटर और फोन में वायरस कैसे पहुंचता है और इससे बचने का रास्ता क्या है?
गूगल प्ले स्टोर पर एप का रिव्यू जरूर पढ़िए
जब भी कोई एप डाउनलोड करें तो उसका रिव्यू जरूर चेक करें। जरूरी नहीं है कि एप स्टोर पर 5-स्टार रेटिंग वाला बढ़िया भी हो। कई बार फर्जी रेटिंग के जरिए भी एप को ट्रेंडिंग में लाया जाता है। इसके बाद यह जरूर चेक करें कि एप का डेवलपर कौन है। इसकी जानकारी एप स्टोर पर ही आपको मिल जाएगी।
परमिशन
एप डाउनलोड करते समय यह जरूर चेक करें कि जिस एप को आप डाउनलोड कर रहे हैं वह आपसे कौन-कौन सी परमिशन ले रहा है। उदाहरण के तौर पर अगर आप कोई अलार्म एप डाउनलोड करते हैं तो उसे स्मार्टफोन पर तस्वीरें देखने की इजाजत नहीं चाहिए होगी। उसी तरह कैलकुलेटर वाले एप को नेटवर्क एक्सेस की जरूरत बिलकुल नहीं है।
एप डाउनलोड का सोर्स
कई बार कुछ लोग दोस्तों से मिले लिंक के जरिए एप डाउनलोड कर लेते हैं। कुछ लोग एपीके फाइल से एप इंस्टॉल करते हैं तो कुछ लोग थर्ड पार्टी स्टोर से एप को डाउनलोड कर लेते हैं जो कि बहुत ही खतरनाक है।
अनजान कंप्युटर से कनेक्ट
किसी भी अनजान कंप्युटर या लैपटॉप से अपने फोन को कनेक्ट ना करें। हो सकता है कि जिस सिस्टम से आपने अपने फोन को कनेक्ट किया है उसमें पहले से ही कोई वायरस हो।
पब्लिक वाई-फाई से बचें
एयरपोर्ट या रेलवे स्टेशन पर फ्री वाई-फाई देखकर तुरंत उससे अपने फोन को कनेक्ट ना करें। फ्री वाई-फाई हैकर्स के निशाने पर सबसे पहले होता है, क्योंकि ये नेटवर्क सिक्योर नहीं होते हैं। बहुत ज्यादा जरूरी होने पर ही रेलवे या एयरपोर्ट के वाई-फाई से फोन को कनेक्ट करें।