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Dyson Global Dust Study 2023 Indians show high awareness of viruses yet only 1 in 7 prioritise cleaning to eff
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Dyson की रिपोर्ट: महामारी के बाद जागरूक हुए हैं भारतीय लेकिन सात में सिर्फ एक लोग करते हैं बेहतर सफाई
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रदीप पाण्डेय
Updated Tue, 30 May 2023 05:00 PM IST
लोग पहले के मुकाबले साफ-सफाई पर अधिक ध्यान दे रहे हैं लेकिन अभी भी सफाई को गंभीरता से लेने वालों की कमी है, क्योंकि भारत में महज 7 में से 1 लोग ही घरों की सफाई को गंभीरता से करते हैं। अन्य 6 लोग केवल दिवाली के मौके पर घरों की अच्छे से सफाई करते हैं।
भारत में आमतौर पर दो ही तरीकों से सफाई होती है। या तो हम झाड़ू लगाते हैं या फिर पोंछा, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि जब हमें झाड़ू लगाते हैं तो धूल के कण जमीन से उड़कर दीवारों, बेड, फर्निचर आदि पर इकट्ठे हो जाते हैं। लोगों के साफ-सफाई के तरीकों को लेकर प्रमुख वैक्यूम क्लिनर निर्माता कंपनी Dyson ने एक सर्वे किया है जिसमें यह सामने आया है कि कोरोना महामारी के बाद भारतीय लोगों के सफाई का तरीका बदला है।
लोग पहले के मुकाबले साफ-सफाई पर अधिक ध्यान दे रहे हैं लेकिन अभी भी सफाई को गंभीरता से लेने वालों की कमी है, क्योंकि भारत में महज 7 में से 1 लोग ही घरों की सफाई गंभीरता से करते हैं। अन्य 6 लोग केवल दिवाली के मौके पर घरों की अच्छे से सफाई करते हैं।
Dyson के इस सर्वे में 39 देशों के 30,000 लोगों ने हिस्सा लिया। महामारी के बाद भारत के लोग वायरस को लेकर गंभीर हुए हैं, लेकिन 32 फीसदी लोग ही किचन, बेडरूम और लिविंग रूम की सफाई नियमित तौर पर करते हैं।
सर्वे में शामिल 61 फीसदी भारतीयों ने माना कि वे पहले के मुकाबले अब सफाई को लेकर सजग रहते हैं। सर्वे के मुताबिक 42 फीसदी लोग अपने घरों की सफाई तभी करते हैं जब उन्हें गंदगी दिखाई देने लगती है। सर्वे के मुताबिक अधिकतर लोगों को अभी भी इस बात की जानकारी नहीं है कि उनके घर में कहां पर अधिक गंदगी हो सकती है।
डायसन की स्टडी में सामने आया कि हमारे घर में मौजूद धूल में क्या है। इसके बारे में जागरुकता कम है, इसलिए हमें यह नहीं मालूम होता है कि हम धूल के साथ क्या हटा रहे हैं। विश्व में 55 फीसदी परिवारों में कोई न कोई एक ऐसा है, जिसे एलर्जी है, लेकिन फिर भी धूल में सामान्य एलर्जी बढ़ाने वाले तत्वों की मौजूदगी के बारे में बहुत कम लोगों को मालूम है। सर्वे में शामिल केवल 33 फीसदी लोगों ने ही कहा कि उन्हें पता है कि धूल में खतरनाक रोगाणु हो सकते हैं और 32 फीसदी लोग जानते हैं कि घरों में मौजूद धूल में रोगाणु के मल हो सकते हैं।
सर्वे में शामिल अधिकतर लोगों का मानना है कि सबसे ज्यादा गंदगी टॉयलेट में होती है। 45 फीसदी भारतीयों का मानना है कि वायरस किचन में रहते हैं, वहीं 70 फीसदी से ज्यादा भारतीय किचन की सफाई करते वक्त वायरस को साफ करने की फिक्र नहीं करते हैं।
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