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5G Speed: 5जी इंटरनेट स्पीड को लेकर दावा झूठा, टेलीकॉम कंपनियों पर लगा 20 अरब रुपये का जुर्माना

टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: विशाल मैथिल Updated Sun, 28 May 2023 03:26 PM IST
सार

फेयर ट्रेड कमिशन ने वेरिफाइड टेस्ट रिजल्ट प्रदान किए बिना अपने प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में 5G Speed का दावा करने वाली कंपनियों की आलोचना भी की है।

209 crore fine on 3 south korean mobile telecom company on false ads on 5g speed
5G Speed - फोटो : iStock

विस्तार
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मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों की ओर से अपनी 5G सेवाओं को लेकर अट्रा फास्ट स्पीड के बड़े-बड़े दावे किये जाते हैं। लेकिन अब टेलीकॉम कंपनी पर 5जी इंटरनेट स्पीड को लेकर झूठा दावा करने पर भारी-भरकम जुर्माना लगाया गया है। टेलीकॉम कंपनियों पर करीब 33.6 बिलियन वोन यानी करीब 209 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना साउथ कोरिया में लगाया गया है और तीन टेलीकॉम कंपनियों पर लगा है।

क्यों लगा जुर्माना?

कोरिया टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, साउथ कोरिया मोबाइल रेगुलेटर, फेयर ट्रेड कमीशन (एफटीसी) ने ये जुर्माना 5G नेटवर्क स्पीड के बारे में गलत दावा करने और यूजर्स को गुमराह करने वाले विज्ञापन चलाने को लेकर लगाया गया है। तीन कंपनियों पर जुर्माना लगाया गया है, जिसमें SK Telecom, KT और LG Uplus जैसे बड़े नाम शामिल हैं। फेयर ट्रेड कमिशन का आरोप है कि, मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों की विज्ञापन में दिखाई जाने वाली इंटरनेट स्पीड हर एक जगह के लिए वैध नहीं है, बल्कि किसी निश्चित जगह में ही उपलब्ध होती है।

 

तीन बड़ी कंपनियों पर लगा जुर्माना

फेयर ट्रेड कमीशन (एफटीसी) ने एसके टेलीकॉम, केटी और एलजी यू+ पर अपने 5जी नेटवर्क के प्रदर्शन को गुमराह करने और बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने के लिए जुर्माना लगाया है, जिसमें दावा किया गया है कि केवल बेहद सीमित परिस्थितियों में गति प्राप्त की जा सकती है। फेयर ट्रेड कमिशन ने वेरिफाइड टेस्ट रिजल्ट प्रदान किए बिना अपने प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में तेज गति का दावा करने वाली कंपनियों की आलोचना भी की है।

 

किस कंपनी पर कितना जुर्माना?

फेयर ट्रेड कमीशन ने एसके टेलीकॉम, केटी और एलजी यू+ पर करीब 209 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। एसके टेलीकॉम के पास 5जी यूजर्स का 47.8 प्रतिशत है, इसके बाद केटी का 30 प्रतिशत और एलजी यू+ का 21.5 प्रतिशत है। एसके टेलीकॉम पर 16.83 बिलियन वोन (करीब 105 करोड़ रुपये) , केटी 13.93 बिलियन वोन (करीब 87 करोड़ रुपये) और एलजी यू+ 2.85 बिलियन वोन (करीब 17 करोड़ रुपये) का जुर्माना लगाया गया।

 

इसलिए लगा जुर्माना?

मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर ने अपने 5G नेटवर्क के लिए 656 और 801 मेगाबिट्स प्रति सेकंड (एमबीपीएस) के बीच स्पीड है जबकि उन्होंने विज्ञापन में भ्रामक रूप से प्रति सेकंड 20 गीगाबिट्स (जीबीपीएस) की स्पीड का दावा किया था। इसका मतलब है कि वास्तविक गति विज्ञापन की तुलना में केवल तीन या चार प्रतिशत थी। टेलीकॉम कंपनियों ने दावा किया था उनके नेटवर्क का इस्तेमाल करके 2 गीगाबाइट (GB) की फिल्म को मात्र 0.8 सेकंड में डाउनलोड किया जा सकता है। 
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