केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन के दौरान दूरसंचार टावरों में बड़ी संख्या में तोड़फोड़ से संपर्क सेवाओं पर बुरा असर पड़ा है। किसानों के प्रदर्शन का आज 35 वां दिन है। आज सरकार से भी सातवें दौर की बातचीत होनी है। इस सबके बीच हर गुजरते दिन के साथ आंदोलन का प्रभाव नजर आने लगा है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के अनुसार पंजाब में 3.9 करोड़ मोबाइल का इस्तेमाल करने वाले लोग हैं। इनमें रिलायंस जियो के अनुसार करीब डेढ़ करोड़ उसके उपभोक्ता हैं।
पंजाब में आंदोलन के दौरान रिलायंस जियो के 2,000 के करीब मोबाइल टावरों को नुकसान पहुंचाया गया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह की अपील और चेतवानी भी खास असर नहीं डाल पाई। मंगलवार को सेलुलर आपरेटरस एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओआईए) ने भी टावरों में तोड़फोड़ से संपर्क व्यवस्था के चरमरा जाने की आशंका और चिंता जताई है। सीओएआई रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन- आइडिया जैसी कंपनियों की एसोसिशन है।
मुख्यमंत्री कैप्टन सिंह की चेतावनी और किसान संगठनों की अपीलें बेसर साबित हुई हैं। एयरटेल, वोडा-आइडिया और रिलायंस जियो जैसी टेलीकॉम कंपनियों की साझा एसोसियेशन सीओएआई और टावर कंपनियों के संगठन, टावर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर एसोसिएशन (टीएआईपीए) भी पंजाब में टावर को नुकसान न पहुंचाने की अपील कर चुके हैं। मुख्यमंत्री की सख्त कार्यवाही की चेतावनी देने के बावजूद तोड़फोड़ जारी है।
रिलायंस जियो ने पिछले कुछ दिनों में तोड़फोड़ के कारण खराब हुए कुछ टावरों की तेजी से मरम्मत कर रहा है। सूत्रों के अनुसार मंगलवार शाम तक कुल 826 साइटें डाउन थीं। सूबे में जियो के करीब नौ हजार टेलीकॉम टावर हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सितंबर 2020 में जियो के दूरसंचार टावर संपत्ति का बड़ा हिस्सा कनाडा की ब्रुकफील्ड इंफ्रास्ट्रक्चर पार्टनर्स एलपी को बेच दिया था। यह डील 25,215 करोड़ रुपये में हुई थी।
केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन के दौरान दूरसंचार टावरों में बड़ी संख्या में तोड़फोड़ से संपर्क सेवाओं पर बुरा असर पड़ा है। किसानों के प्रदर्शन का आज 35 वां दिन है। आज सरकार से भी सातवें दौर की बातचीत होनी है। इस सबके बीच हर गुजरते दिन के साथ आंदोलन का प्रभाव नजर आने लगा है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के अनुसार पंजाब में 3.9 करोड़ मोबाइल का इस्तेमाल करने वाले लोग हैं। इनमें रिलायंस जियो के अनुसार करीब डेढ़ करोड़ उसके उपभोक्ता हैं।
पंजाब में आंदोलन के दौरान रिलायंस जियो के 2,000 के करीब मोबाइल टावरों को नुकसान पहुंचाया गया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह की अपील और चेतवानी भी खास असर नहीं डाल पाई। मंगलवार को सेलुलर आपरेटरस एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओआईए) ने भी टावरों में तोड़फोड़ से संपर्क व्यवस्था के चरमरा जाने की आशंका और चिंता जताई है। सीओएआई रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन- आइडिया जैसी कंपनियों की एसोसिशन है।
मुख्यमंत्री कैप्टन सिंह की चेतावनी और किसान संगठनों की अपीलें बेसर साबित हुई हैं। एयरटेल, वोडा-आइडिया और रिलायंस जियो जैसी टेलीकॉम कंपनियों की साझा एसोसियेशन सीओएआई और टावर कंपनियों के संगठन, टावर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर एसोसिएशन (टीएआईपीए) भी पंजाब में टावर को नुकसान न पहुंचाने की अपील कर चुके हैं। मुख्यमंत्री की सख्त कार्यवाही की चेतावनी देने के बावजूद तोड़फोड़ जारी है।
रिलायंस जियो ने पिछले कुछ दिनों में तोड़फोड़ के कारण खराब हुए कुछ टावरों की तेजी से मरम्मत कर रहा है। सूत्रों के अनुसार मंगलवार शाम तक कुल 826 साइटें डाउन थीं। सूबे में जियो के करीब नौ हजार टेलीकॉम टावर हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सितंबर 2020 में जियो के दूरसंचार टावर संपत्ति का बड़ा हिस्सा कनाडा की ब्रुकफील्ड इंफ्रास्ट्रक्चर पार्टनर्स एलपी को बेच दिया था। यह डील 25,215 करोड़ रुपये में हुई थी।