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Tiktok-China: टिकटॉक को लेकर पहली बार आया चीन का बयान, जबरन बिक्री का किया विरोध
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: विशाल मैथिल
Updated Fri, 24 Mar 2023 07:52 PM IST
सार
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बता दें कि Tiktok को लगातार कई देशों में राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए बैन किया जा रहा है। अमेरिका में भी सरकारी गैजेट्स में टिकटॉक पर प्रतिबंध है।
कई देशों में लगातार बैन की मांग का सामना कर रहे शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म टिकटॉक को लेकर चीन ने पहली बार बयान दिया है। चीन का कहना है कि वह टिकटॉक की जबरन बिक्री का विरोध करता है। चीन का बयान उस समय आया है जब कई देशों में टिकटॉक को सुरक्षा के लिए खतरा बताया जा रहा है। बता दें कि टिकटॉक को लगातार कई देशों में राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए बैन किया जा रहा है। अमेरिका में भी सरकारी गैजेट्स में टिकटॉक पर प्रतिबंध है। साथ ही अब पूरे देश में शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म को बंद करने की मांग की जा रही है।
चीन ने किया टिकटॉक का बचाव
चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि वह टिकटॉक की किसी भी जबरन बिक्री का कड़ा विरोध करेगा। उन्होंने कहा कि टिकटॉक की बिक्री या विनिवेश में निर्यात टेक्नोलॉजी शामिल होगी और इसके लिए चीनी सरकार की अनुमति आवश्यक होगी।
अमेरिकी कांग्रेस के सामने टिकटॉक सीईओ की पहली पेशी
अमेरिकी सरकार ने शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म टिकटॉक को सिक्योरिटी के लिए खतरा बताया है। सरकारी गैजेट्स में टिकटॉक पर प्रतिबंध के बाद अब पूरे देश में इसे बैन करने की मांग तेज हो गई है। दरअसल, चीनी सोशल मीडिया एप टिकटॉक पर आरोप है कि वह अपने डाटा चीन की सेना-पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को मुहैया कराता है। इन आरोपों के बीच गुरुवार को टिकटॉक के सीईओ शाउ जी च्यू (Shou Zi Chew) ने अमेरिकी कांग्रेस के सामने गवाही दी।
चार घंटे की लंबी सुनवाई के दौरान च्यू ने बार-बार इस बात पर जोर दिया कि कंपनी चीनी सरकार के साथ डाटा साझा नहीं करती है। साथ ही च्यू ने यह भी कहा कि एप अमेरिका में अपने 15 करोड़ उपयोगकर्ताओं के लिए जोखिम पैदा नहीं करता है और न ही चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के साथ अपना डाटा साझा करता है।
अमेरिका ने दिया भारत का हवाला
अमेरिकी सांसद डेब्बी लेस्को (Debbie Lesko) ने च्यू के पूछताछ के दौरान भारत और अन्य देशों का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि भारत और अन्य देशों ने हाल ही में किसी न किसी रूप में टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाया है।
लेस्को ने च्यू से पूछा, टिकटॉक एक ऐसा उपकरण है जो अंततः चीनी सरकार के नियंत्रण में है इसलिए राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है, ये सभी देश जो टिकटॉक पर प्रतिबंध लगा रहे हैं और हमारे एफबीआई निदेशक गलत कैसे हो सकते हैं? च्यू ने जवाब दिया, मुझे लगता है कि बताए गए बहुत सारे जोखिम काल्पनिक और सैद्धांतिक जोखिम हैं। मुझे इस बारे में कोई सबूत नहीं मिला है।
इन देशों ने लगाया Tiktok पर प्रतिबंध
टिकटॉक को लगातार कई देशों में राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए बैन किया जा रहा है। हाल ही में डेनमार्क के रक्षा मंत्रालय ने भी सरकारी कर्मचारियों के फोन में टिक टॉक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया है। वहीं बेल्जियम और अमेरिका में भी सरकारी गैजेट्स में टिकटॉक पर प्रतिबंध है। भारत साल 2020 में टिकटॉक पर बैन लगा चुका है। भारत सरकार ने 29 जून 2020 को टिकटॉक सहित 59 चाइनीज एप पर बैन लगाया था।
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