स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Mon, 13 Jul 2020 10:23 AM IST
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नेताजी सुभाष नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स (NIS) पटियाला में एकांतवास के दिनों को लेकर दोहरे मापदंड अपनाने का मामला सामने आने के बावजूद खिलाड़ियों को खतरे में डालने का काम जारी हैं। एनआईएस के गर्ल्स हॉस्टल के ठीक सामने एक निजी ठेकेदार की ओर से कैंटीन का निर्माण कराया जा रहा है, जिसमें मजदूर रोजाना बाहर से आकर काम कर रहे हैं। कोरोना के भय को लेकर इस बारे में एथलीट आवाज उठा चुके हैं, लेकिन मजदूरों का आना-जाना जारी है।
गर्ल्स हॉस्टल के सामने जारी काम
संस्थान में एथलेटिक्स और वेटलिफ्टिंग का नेशनल कैंप लगे होने के कारण यहां अंदर आने-जाने को लेकर नियम बेहद सख्त हैं। अंदर आने के लिए 14 दिनों का एकांतवास अनिवार्य है, लेकिन गर्ल्स हॉस्टल के ठीक सामने पिछले कई दिनों से कैंटीन का निर्माण कराया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि एथलीटों ने इस पर एतराज भी जताया, क्योंकि हॉस्टल की सड़क पार करते ही ठीक सामने यह कैंटीन है। खिलाड़ियों का हॉस्टल से निकलते वक्त इनसे आमना-सामना भी होता है। कर्मियों ने भी हैरानी जताई है कि केंद्रीय संस्थान होने के बावजूद एक निजी ठेकेदार को यहां निर्माण की अनुमति दे दी गई।
जांच के लिए पहुंची टीम ईडी को वापस बुलाया
बॉक्सरों को नियम तोड़कर 14 दिन से पहले कैंपस में प्रवेश दिए जाने के मामले में साई की टीम रविवार को जांच के लिए एनआईएस पटियाला पहुंच गई। यही नहीं संस्थान के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक आरएस बिश्नोई को सोमवार को साई मुख्यालय दिल्ली तलब कर लिया गया है। साई सेंटर सोनीपत की इंचार्ज ललिता शर्मा जांच होने तक एनआईएस का कार्यभार संभालेंगी।
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सार
खिलाड़ियों को खतरे में डाल मजदूरों से कराया जा रहा काम...एनआईएस में गर्ल्स हॉस्टल के ठीक सामने मजदूरों को बुलवाकर बनवाई जा रही कैंटीन
विस्तार
नेताजी सुभाष नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स (NIS) पटियाला में एकांतवास के दिनों को लेकर दोहरे मापदंड अपनाने का मामला सामने आने के बावजूद खिलाड़ियों को खतरे में डालने का काम जारी हैं। एनआईएस के गर्ल्स हॉस्टल के ठीक सामने एक निजी ठेकेदार की ओर से कैंटीन का निर्माण कराया जा रहा है, जिसमें मजदूर रोजाना बाहर से आकर काम कर रहे हैं। कोरोना के भय को लेकर इस बारे में एथलीट आवाज उठा चुके हैं, लेकिन मजदूरों का आना-जाना जारी है।
गर्ल्स हॉस्टल के सामने जारी काम
संस्थान में एथलेटिक्स और वेटलिफ्टिंग का नेशनल कैंप लगे होने के कारण यहां अंदर आने-जाने को लेकर नियम बेहद सख्त हैं। अंदर आने के लिए 14 दिनों का एकांतवास अनिवार्य है, लेकिन गर्ल्स हॉस्टल के ठीक सामने पिछले कई दिनों से कैंटीन का निर्माण कराया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि एथलीटों ने इस पर एतराज भी जताया, क्योंकि हॉस्टल की सड़क पार करते ही ठीक सामने यह कैंटीन है। खिलाड़ियों का हॉस्टल से निकलते वक्त इनसे आमना-सामना भी होता है। कर्मियों ने भी हैरानी जताई है कि केंद्रीय संस्थान होने के बावजूद एक निजी ठेकेदार को यहां निर्माण की अनुमति दे दी गई।
जांच के लिए पहुंची टीम ईडी को वापस बुलाया
बॉक्सरों को नियम तोड़कर 14 दिन से पहले कैंपस में प्रवेश दिए जाने के मामले में साई की टीम रविवार को जांच के लिए एनआईएस पटियाला पहुंच गई। यही नहीं संस्थान के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक आरएस बिश्नोई को सोमवार को साई मुख्यालय दिल्ली तलब कर लिया गया है। साई सेंटर सोनीपत की इंचार्ज ललिता शर्मा जांच होने तक एनआईएस का कार्यभार संभालेंगी।
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