रूस में ऐसी रातें आमतौर पर नहीं होती हैं कि पूरी रात शहर जागता रहे। मास्को में एक पूरी रात जाग कर देखा था कि कैसे रात से सुबह होती है। रात 11 बजे से सड़कों पर घूमना शुरू किया तो सुबह छह बजे तक पता ही नहीं चला कि कब रात पूरी हो गई। वैसे भी यहां रात 12 बजे बाद शुरू होती है और तीन-चार बजे सुबह शुरू होने लगती है, लेकिन मास्को और फिर सेंट पीटर्स बर्ग में देखा कि यहां की रात की सुबह नहीं होती है या रात ही नहीं होती है।
पूरी-पूरी रात इस शहर के युवा इस पब, इस रेस्त्रां से उस पब, उस रेस्त्रां जाते रहते हैं। जैसे इनका दिन ही रात 11 बजे बाद शुरू होता है, तो सुबह छह-सात बजे खत्म होता है। मैंने कुछ लोगों के साथ मास्को में ऐसी ही एक रात गुजारी है कि सुबह छह-सात बजे सोने निकले हैं।
यहां के लोगों का कहना है कि ऐसी जीवन-चर्या यहां की नहीं है। पूरी-पूरी रात युवा सड़कों पर ही गुजारते रहें, ऐसा नहीं होता है। विश्व कप फुटबॉल की वजह से ऐसा हो रहा है कि पूरी-पूरी रात युवा सड़कों पर दिखाई दे रहे हैं। दरअसल, विश्व कप के बहाने यहां के युवा को जीने का नया तरीका नजर आने लगा है। जैसा कि यूरोप में वीक-एंड में होता है, यहां हर दिन नजर आ रहा है।
हाल ही में सर्वे आया है कि रूस के 20 लाख युवा इस देश को छोड़ कर कहीं और बस जाना चाहते हैं। इसी का नतीजा है कि आज युवा सड़कों पर हैं। इनमें से 60 फीसदी लड़कियां हैं, जो चाहती हैं कि यह देश छोड़ कर कहीं और बस जाएं। इसी वजह से बाहर से आए विदेशियों के साथ यहां की लड़कियां ज्यादा नजर आ रही हैं और यही यहां के युवाओं को कष्ट दे रहा है कि हमारे होते विदेशियों के साथ क्यों जा रही हैं लड़कियां!
खासतौर पर अफ्रीकी और मैक्सिकन युवकों के साथ देखी जा रही हैं यहां की लड़कियां। इनके लिए पूरी-पूरी रात का मजा ही सबकुछ है और ये जानती हैं कि महीने भर के बाद वही अकेली और नीरस जिंदगी है। ये लड़कियां इन विदेशियों के साथ हर पल जी लेना चाहती हैं। इनकी कोशिश है कि इस बहाने अगर दूसरे देश जाने का मौका मिले, तो बुरा क्या है। रूस के लड़के इसी बात पर खफा हैं। सोशल मीडिया पर घमासान मचा है। इनकी नाराजी की वजह यह भी है कि एक माह के सुख के लिए ये लड़कियां अपनी संस्कृति-सभ्यता भी भूल रही हैं।
इन लड़कियों का कहना है कि यही एक माह है कि हम अपनी मर्जी से जी सकती हैं, वरना तो अकेला जीवन ही काटना है हमें तो। उन्हें रूसी लड़कों में कोई जीवन नहीं दिखाई देता है और उनसे बोर हो चुकी हैं। इन लड़कियों का कहना है कि यदि एक माह की रिलेशनशिप में उन्हें देश छोड़ने का मौका मिल रहा है, तो गलत क्या है।
इस देश में वैसे भी उनका भविष्य कुछ नहीं है। सोशल मीडिया पर लड़कियों के इस बर्ताव पर तरह-तरह के कमेंट आ रहे हैं और उन्हें भला-बुरा कहा जा रहा है। मगर इन लड़कियों का कहना है कि बाहर से आए सैलानियों से उन्हें प्यार और इज्जत मिल रही है, जो रूस के युवा से नहीं मिलती है। इसलिए मास्को हो या सेंट पीटर्स बर्ग, यहां हर रात रोशन है और इस रात की सुबह नहीं होती है।