जकार्ता (इंडोनेशिया) में होने वाले एशियाई खेलों के लिए भारतीय फुटबॉल टीमों को भेजने को लेकर संशय बरकरार है। मीडिया रिपोर्टों की मानें तो भारतीय फुटबॉल टीमों को इन खेलों में भाग नहीं भेजा जा रहा है। अखिल भारतीय फुटबॉल संघ (एआईएफएफ) के सचिव कुशल दास की माने तो इस बाबत आधिकारिक तौर पर उन्हें भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) से इस तरह की कोई सूचना फिलहाल नहीं है।
पिछले एशियाई में भी भारतीय फुटबॉल टीमों के शिरकत करने को लेकर अंत तक संदेह बना रहा, लेकिन भारत की दोनों फुटबॉल टीमों ने शिरकत की थी। सब अनिश्चय के बावजूद कुशल दास इस बार भी भारतीय फुटबॉल टीमों के एशियाई खेलों में हिस्सा लेने को लेकर आशावान हैं।
भारतीय ओलंपिक संघ (आईआए) और एआईएफएफ के बीच इस बात को लेकर बातचीत और पत्रों का दौर जारी है। दास के मुताबिक सरकार और खेल एवं युवा मामलों का भारत में फुटबॉल के विकास को लेकर रूख हमेशा सहयोग का रहा है। भारतीय फुटबॉल टीमों के आईओए और खेल मंत्रालय की रस्साकसी में फंसने का जवाब देने के अमर उजाला के सवाल पर कुशल दास जवाब देने से बचते ही दिखे।
फुटबॉल टीमों के एशियाड में हिस्सा लेने की आशंकाओं लेकर कुशल दास ने आईओए अध्यक्ष डॉ. नरिंदर बत्रा से बात की थी। बत्रा ने कुशल दास से इस बाबत एआईएएफ का पक्ष रखने को कहा। चार जून को एआईएफएफ ने अपने अपना पक्ष आईओए को रखा दिया। जिसके बाद अभी तक इस बाबत कोई बाबत जवाब हीं नहीं।
कुशल दास ने यह तक कहा कि कि यदि टीमों को भेजने को लेकर कोई आर्थिक दिक्कत है तो हम अपने खर्चे पर टीमों को भेजने को तैयार है। आईओए का यह मानक है कि पिछले एशियाड में शुरू के आठ में टीम को रहना चाहिए। लेकिन फिलहाल भारत की पुरुष टीम एशिया में 13 वें नंबर है और इस लिहाज से वह इस पैमाने पर खरी नहीं उतरती है। हमारी टीम ने एएफसी एशियन कप के लिए क्वॉलिफाई किया है। हमारी सीनियर फुटबॉल टीम में 11 खिलाड़ी अंडर-23 आयु वर्ग के हैं। 2015 में हम फीफा रैंकिंग में 173 वें थे अब 97 नंबर पर है।
राष्ट्रीय फुटबॉल टीमों के डायरेक्टर अषिभेक यादव ने कहा, 'हमने अंडर-17 फीफा विश्व कप में खेलने वाली अपनी टीम के कई खिलडिय़ों को एशियाई खेलों की तैयारी के लिए शिविर में बुलाया है। एशियाई खेलों खेलने का अनुभव भारत के इन सभी नवोदितों के लिए भविष्य में आगे चलकर कर बहुत लाभप्रद साबित होगा। हम अपने खिलाडिय़ों को ज्यादा से ज्यादा अनभव दिलाने की सोच रहे हैं।'
जकार्ता (इंडोनेशिया) में होने वाले एशियाई खेलों के लिए भारतीय फुटबॉल टीमों को भेजने को लेकर संशय बरकरार है। मीडिया रिपोर्टों की मानें तो भारतीय फुटबॉल टीमों को इन खेलों में भाग नहीं भेजा जा रहा है। अखिल भारतीय फुटबॉल संघ (एआईएफएफ) के सचिव कुशल दास की माने तो इस बाबत आधिकारिक तौर पर उन्हें भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) से इस तरह की कोई सूचना फिलहाल नहीं है।
पिछले एशियाई में भी भारतीय फुटबॉल टीमों के शिरकत करने को लेकर अंत तक संदेह बना रहा, लेकिन भारत की दोनों फुटबॉल टीमों ने शिरकत की थी। सब अनिश्चय के बावजूद कुशल दास इस बार भी भारतीय फुटबॉल टीमों के एशियाई खेलों में हिस्सा लेने को लेकर आशावान हैं।
भारतीय ओलंपिक संघ (आईआए) और एआईएफएफ के बीच इस बात को लेकर बातचीत और पत्रों का दौर जारी है। दास के मुताबिक सरकार और खेल एवं युवा मामलों का भारत में फुटबॉल के विकास को लेकर रूख हमेशा सहयोग का रहा है। भारतीय फुटबॉल टीमों के आईओए और खेल मंत्रालय की रस्साकसी में फंसने का जवाब देने के अमर उजाला के सवाल पर कुशल दास जवाब देने से बचते ही दिखे।
फुटबॉल टीमों के एशियाड में हिस्सा लेने की आशंकाओं लेकर कुशल दास ने आईओए अध्यक्ष डॉ. नरिंदर बत्रा से बात की थी। बत्रा ने कुशल दास से इस बाबत एआईएएफ का पक्ष रखने को कहा। चार जून को एआईएफएफ ने अपने अपना पक्ष आईओए को रखा दिया। जिसके बाद अभी तक इस बाबत कोई बाबत जवाब हीं नहीं।
कुशल दास ने यह तक कहा कि कि यदि टीमों को भेजने को लेकर कोई आर्थिक दिक्कत है तो हम अपने खर्चे पर टीमों को भेजने को तैयार है। आईओए का यह मानक है कि पिछले एशियाड में शुरू के आठ में टीम को रहना चाहिए। लेकिन फिलहाल भारत की पुरुष टीम एशिया में 13 वें नंबर है और इस लिहाज से वह इस पैमाने पर खरी नहीं उतरती है। हमारी टीम ने एएफसी एशियन कप के लिए क्वॉलिफाई किया है। हमारी सीनियर फुटबॉल टीम में 11 खिलाड़ी अंडर-23 आयु वर्ग के हैं। 2015 में हम फीफा रैंकिंग में 173 वें थे अब 97 नंबर पर है।
राष्ट्रीय फुटबॉल टीमों के डायरेक्टर अषिभेक यादव ने कहा, 'हमने अंडर-17 फीफा विश्व कप में खेलने वाली अपनी टीम के कई खिलडिय़ों को एशियाई खेलों की तैयारी के लिए शिविर में बुलाया है। एशियाई खेलों खेलने का अनुभव भारत के इन सभी नवोदितों के लिए भविष्य में आगे चलकर कर बहुत लाभप्रद साबित होगा। हम अपने खिलाडिय़ों को ज्यादा से ज्यादा अनभव दिलाने की सोच रहे हैं।'