बात जब ओलंपिक की आती है तो ब्रिटेन की संयुक्त टीम भेजी जाती है जिसमें स्काटलैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड शामिल होते हैं लेकिन फुटबॉल और रग्बी में स्थिति जुदा है। अब स्काटलैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड इसी पशोपेश में हैं कि बुधवार को विश्व कप फुटबॉल के सेमीफाइनल में इंग्लैंड का समर्थन करें कि नहीं।
फुटबॉल में इंग्लैंड के साथ इनकी कड़ी प्रतिद्वंद्विता रहती है। विंबलडन टेनिस के पूर्व चैंपियन एंडी मरे स्काटलैंड से हैं। इस विश्व कप को लेकर उन्होंने कहा था कि वह इंग्लैंड को छोड़कर किसी का भी समर्थन करेंगे। उनकी इस बात के लिए इंग्लैंड समर्थकों ने काफी आलोचना की थी। स्काटलैंड के नेताओं ने भी इंग्लैंड के सेमीफाइनल प्रवेश का उपहास उड़ाया था।
स्काटिश नेशनल पार्टी की मंत्री निकोला ने ट्रॉफी की प्रतिकृति के साथ एक फोटो ट्वीट किया था और लिखा था विश्व कप तो पहले से ही घर में है। अन्य नेता इयान ब्लैकफोर्ड ने कहा कि वह बाहर हो गई पेरू टीम का समर्थन करेंगे क्योंकि हाल ही में एक दोस्ताना मैच की उन्होंने शानदार मेजबानी की थी। साथ ही कहा कि अगर इंग्लैंड विश्व कप जीता तो उसे मुबारकबाद जरूर देंगे। साथ ही नेताओं पर यह भी आरोप लगा कि उन्होंने वेस्ट मिनिस्टर पार्लियामेंट में तीन जुलाई को इसलिए जानबूझकर समय बर्बाद किया ताकि इंग्लैंड के सांसद कोलंबिया के खिलाफ होने वाले मैच का लुत्फ नहीं उठा सकें।
बीबीसी रेडियो वेल्स को एक ट्वीट को हटाना पड़ा। इंग्लैंड के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने के बाद किए गए उस ट्वीट में रेडियो ने श्रोताओं से पूछा था क्या हम सब अब इंग्लिश हैं। वेल्स फुटबॉल संघ ने इस पर प्रतिक्रिया की नहीं हम अभी भी वेल्स हैं।