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Chaitra Navaratri 2023 Day 2 Know Maa Brahmacharini Puja Subh Muhurat Puja Vidhi Mantra Aarti News in Hindi
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Chaitra Navratri 2023 Day 2 : आज देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा का दिन, जानिए पूजा फल और स्तुति मंत्र
धर्म डेस्क, अमर उजाला
Published by: विनोद शुक्ला
Updated Thu, 23 Mar 2023 10:52 AM IST
सार
Navratri Day 2 Brahmacharini Puja: ब्रह्मचारिणी अर्थात तप की चारिणी-तप का आचरण करने वाली।कहा गया है-वेदस्तत्वं तपो ब्रह्म-वेद,तत्व और तप ब्रह्म शब्द के अर्थ है।
Chaitra Navratri 2023 Day 2: दूसरा स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी
- फोटो : amar ujala
आज चैत्र नवरात्रि का दूसरा दिन है। नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। नवरात्रि के इस दिन हम परब्रह्म शक्ति की उपासना करके स्वयं को और अपने परिवार को दैहिक, दैविक और भौतिक तापों से मुक्ति दिला सकते हैं। भगवान शिव के कहने पर रक्तबीज शुंभ-निशुंभ,मधु-कैटभ आदि दानवों का संहार करने के लिए देवी पार्वती ने असंख्य रूप धारण किए किंतु देवी के प्रमुख नौ रूपों(माँ शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री) की पूजा-अर्चना की जाती है। मां दुर्गा की नव शक्तियों का दूसरा स्वरूप देवी ब्रह्मचारिणी का है।
ब्रह्मचारिणी का अर्थ
यहां ब्रह्म शब्द का अर्थ तपस्या हैं। ब्रह्मचारिणी अर्थात तप की चारिणी-तप का आचरण करने वाली। कहा गया है-वेदस्तत्वं तपो ब्रह्म-वेद,तत्व और तप ब्रह्म शब्द के अर्थ है। ब्रह्मचारिणी देवी का स्वरुप पूर्ण ज्योतिर्मय एवं अत्यंत भव्य हैं। इनके दाहिने हाथ में जप की माला एवं बाएं हाथ में कमंडल रहता है।
पूजा का फल
इनकी आराधना से अनंत फल की प्राप्ति एवं तप,त्याग,वैराग्य,सदाचार,संयम जैसे गुणों की वृद्धि होती हैं।जीवन के कठिन संघर्षों में भी व्यक्ति अपने कर्तव्य से विचलित नहीं होता।मॉ ब्रह्मचारिणी देवी की कृपा से उसे सर्वत्र सिद्धि और विजय की प्राप्ति होती हैं।
इनको मिलेगा फायदा
यूँ तो माँ की पूजा कोई भी कर सकता है सबको लाभ होगा पर विशेष तौर पर लालसाओं से मुक्ति के लिए माँ ब्रह्मचारिणी का ध्यान लगाना अच्छा होता हैं।बार-बार मेहनत करने के बाद भी जिनको सफलता नहीं मिलती है उनको माँ की पूजा करने से लाभ मिलेगा।या जिनको अपनी आध्यात्मिक ऊर्जा में विकास करना हो उनके लिए भी देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा लाभदायक सिद्ध होगी।
पूजा विधि
देवी को पंचामृत से स्नान कराएं, फिर अलग-अलग तरह के फूल,अक्षत, कुमकुम, सिंदूर, अर्पित करें। देवी ब्रह्मचारिणी को सफेद और सुगंधित पुष्प अत्यधिक प्रिय है। इसके अलावा कमल,गुलाब,गुड़हल या कोई भी लाल रंग का फूल भी देवी मां को चढ़ाएं।देसी घी का दीपक प्रज्वलित कर ऊँचे स्वर में माँ की आरती करें एवं हाथों में एक फूल लेकर उनका ध्यान करें और प्रार्थना करते हुए मंत्र बोलें।
प्रिय भोग
इस दिन मां ब्रह्मचारिणी को अन्य भोग के अलावा मिश्री,सफ़ेद मिठाई और पंचामृत का भोग लगाना चाहिए।मान्यता है कि यह भोग लगाने से मां दीर्घायु होने का वरदान देती हैं।
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स्तुति मंत्र 1. या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
2. दधाना कर पद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मई ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।
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