सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सैनिक कोटे में नौकरी पाने वालों की सर्विस में सैन्य सेवाकाल जोड़े जाने के वरिष्ठता लाभ नियम को खारिज कर दिया है। शिमला हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीमकोर्ट ने बरकरार रखा है। सुप्रीम कोर्ट के शुक्रवार को आए फैसले के बाद पूर्व सैनिक कोटे में वरिष्ठता लाभ केवल उन्हीं पूर्व सैनिकों को मिल सकता है, जिनकी भर्ती सेना में 1971 से हुई है।
फैसला सरकार के लिए भी राहत भरा माना जा रहा है। मंत्रिमंडल ने 5 अगस्त को लाभ समाप्त कर दिया था। पूर्व सैनिकों के विरोध के चलते मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कैबिनेट के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक रोक दिया था। फैसला आने से वर्ष 1972 से लागू नियम 5 (1) में पूर्व सैनिक कोटे के तहत ज्वाइनिंग पर उनकी वरिष्ठता में सैन्य सेवाओं जोड़ने का देय प्रावधान समाप्त हो जाएगा।