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Success Story: मनरेगा की दिहाड़ी से भरी बेटी की फीस, बनीं असिस्टेंट प्रोफेसर

संवाद न्यूज एजेंसी, सिहुंता (चंबा) Published by: Krishan Singh Updated Wed, 29 Mar 2023 03:41 PM IST
Success Story himachal: Daughter's fees paid from MGNREGA wages, became assistant professor Deeksha Kapoor
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मनरेगा में दिहाड़ी लगाकर पैसे एकत्र कर बेटी की फीस भर सेवानिवृत फौजी ने बेटी को मेहनत करने की सीख दी। ग्राम पंचायत सिहुंता के लाल सिंह सेना से सेवानिवृत्त है। पारिवारिक हालत लगभग अच्छी है लेकिन पिता ने बेटी को मेहनत का सबक सिखाने के लिए मनरेगा में दिहाड़ी लगाई और वहां से कमाए पैसों से बेटी की पढ़ाई करवाई। लाल सिंह का कहना है कि उनका मकसद सिर्फ अपने बच्चों को मेहनत करना सिखाना है।

कोई काम छोटा नहीं होता है। हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के कामला गांव की बेटी ने भी पिता की मेहनत को बेकार नहीं जाने दिया। दीक्षा कपूर ने हाल ही में पब्लिक सर्विस कमीशन की ओर से करवाई गई असिस्टेंट प्रोफेसर (भूगोल) की परीक्षा पास कर क्षेत्र का नाम रोशन किया है। दीक्षा ने मैट्रिक की पढ़ाई ग्रीन फील्ड पब्लिक स्कूल सिहुंता से और बारहवीं की पढ़ाई राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सिहुंता से पूरी की।
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इसके बाद बीए जियोग्राफी की पढ़ाई धर्मशाला कॉलेज से की। उन्होंने एमएससी जियोग्राफी और एमफिल की पढ़ाई प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला से की और वर्तमान में पीएचडी की पढ़ाई भी प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला से जारी है।उनके तीन शोधपत्र राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। बेटी ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता और गुरुजनों को दिया है।

 
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उनके पिता लाल सिंह सेना से सेवानिवृत हैं और माता अंजू बाला गृहिणी है। दीक्षा का कहना है कि गुरुजनों डॉ. बीआर ठाकुर, प्रो. डीडी शर्मा, डॉ. अनुराग शर्मा, डॉ. राम लाल, डॉ. सीमा चौधरी, प्रो. बीएस मढ़, डॉ. पीडी भारद्वाज, दीपक सिंह और डॉ. निकेश शर्मा के सहयोग से यह मुकाम हासिल किया।
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प्रियंका बनीं अंग्रेजी की असिस्टेंट प्रोफेसर
वहीं, शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के चनोग पंचायत की प्रियंका ठाकुर अंग्रेजी की असिस्टेंट प्रोफेसर बनी हैं। उन्होंने हिमाचल लोकसेवा आयोग की परीक्षा पासकर क्षेत्र का नाम रोशन किया है। प्रियंका ने शोघी के प्राथमिक स्कूल स्याल और वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला टूटु से स्कूली शिक्षा पूरी की। इसके बाद बीए आरकेएमवी और अंग्रेजी में एमए हिमाचल विश्वविद्यालय से की। इसके बाद एचपीयू से वुमन डवेलपमेंट स्टडीज में डिप्लोमा किया और गोल्ड मेडलिस्ट रहीं। प्रियंका ने सफलता का श्रेय अपने स्व. पिता ओम प्रकाश और मां मीना ठाकुर को दिया है। 
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शीतल भी बनीं सहायक प्रोफेसर
जिला शिमला की शीतल शर्मा लोकसेवा आयोग की परीक्षा पास कर सहायक आचार्य इंग्लिश बनी हैं। शीतल गांव कुफटा, पंचायत बरोग ठियोग की रहने वाली हैं। शीतल ने वर्तमान में पंजाबी यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रही हैं। शीतल की स्कूल की शिक्षा डीएवी लक्कड़ बाजार शिमला से जबकि स्नातक स्तर की पढ़ाई सेंटर आफ एक्सिलेंस जबकि एमए और एमफिल एचपीयू से की है। बेटी की इस उपलब्धि पर पिता देवराज शर्मा और माता गीता शर्मा ने खुशी जताई है।
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