पुलिस अधीक्षक शिमला डीडब्ल्यू नेगी का नाम आत्महत्या के लिए उकसाने के एक मामले में सामने आया है। किन्नौर के रिकांगपिओ थाने में दर्ज एक आत्महत्या मामले में मृतक के पास मिले सुसाइड नोट में उनका नाम है।
सुसाइड नोट से डीडब्ल्यू नेगी समेत तीन पुलिस कर्मियों पर प्रताड़ित करने का आरोप है। यह भी लिखा था कि इनकी प्रताड़ना से तंग आकर वह आत्महत्या कर रहा है।
सुसाइड नोट के आधार पर किन्नौर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। रारंग पंचायत के खयाडुप ज्ञाछो (45) का शव 13 जून को रिकांगपिओ टैक्सी स्टैंड के पास मिला था।
ज्ञाछो की पत्नी भजन देवी ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि उनके पति ने जहरीला पदार्थ खाकर जान दी है। भजन देवी के अनुसार सुसाइड नोट में मृतक ज्ञाछो ने तीन पुलिस अधिकारियों के नाम और रैंक लिखकर बताया है कि वे इनकी प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या कर रहे हैं।
सुसाइड नोट में एसपी शिमला डीडब्ल्यू नेगी, पूह थाने के एएसआई रमेश और हेड कांस्टेबल हुकुम का नाम था। इसलिए अफसरों ने सुसाइड नोट को नजरंदाज कर अज्ञात के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा में मामला दर्ज कर लिया। एएसआई रमेश और हेड कांस्टेबल हुकुम को लाइन हाजिर भी किया गया।
लेकिन एसपी के खिलाफ न तो कोई कार्रवाई हुई और न ही पूछताछ की गई है। एसपी किन्नौर ने मामला दर्ज होने की पुष्टि तो की, लेकिन जांच जारी होने का हवाला देकर कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। उधर, डीजीपी संजय कुमार ने कहा कि कोई भी सुसाइड नोट में किसी का नाम लिखकर आत्महत्या कर ले तो उससे गुनाह साबित नहीं होता।
मामले की जांच चल रही है। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इधर, मामले में डीडब्ल्यू नेगी का कहना है कि मरने वाला व्यक्ति उनका रिश्तेदार था। सुसाइड नोट में नाम आने से वे हैरान हैं। उसने उनका नाम क्यों लिखा, वे यह नहीं जानते। उन्होंने तो अपने इस रिश्तेदार की हमेशा मदद ही की है। मामले की जांच चल रही है। सच सामने आ ही जाएगा।
आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप के एक जैसे दो मामलों की जांच में जुटी पुलिस दोनों मामलों की कार्रवाई में अलग-अलग रुख अपना रही है।
मंडी में फॉरेस्ट गार्ड होशियार सिंह के मामले में पुलिस ने इन्हीं धाराओं में मुकदमा दर्ज कर वन विभाग के एक बीओ समेत छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन किन्नौर में मामला दर्ज होने के 10 दिन बाद भी पुलिस अब तक कोई कार्रवाई नहीं कर सकी है।
पुलिस अधीक्षक शिमला डीडब्ल्यू नेगी का नाम आत्महत्या के लिए उकसाने के एक मामले में सामने आया है। किन्नौर के रिकांगपिओ थाने में दर्ज एक आत्महत्या मामले में मृतक के पास मिले सुसाइड नोट में उनका नाम है।
सुसाइड नोट से डीडब्ल्यू नेगी समेत तीन पुलिस कर्मियों पर प्रताड़ित करने का आरोप है। यह भी लिखा था कि इनकी प्रताड़ना से तंग आकर वह आत्महत्या कर रहा है।
सुसाइड नोट के आधार पर किन्नौर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। रारंग पंचायत के खयाडुप ज्ञाछो (45) का शव 13 जून को रिकांगपिओ टैक्सी स्टैंड के पास मिला था।
ज्ञाछो की पत्नी भजन देवी ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि उनके पति ने जहरीला पदार्थ खाकर जान दी है। भजन देवी के अनुसार सुसाइड नोट में मृतक ज्ञाछो ने तीन पुलिस अधिकारियों के नाम और रैंक लिखकर बताया है कि वे इनकी प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या कर रहे हैं।