पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
हिमाचल प्रदेश के सभी निजी विश्वविद्यालयों को अब नए कुलपति नियुक्त करते समय ही नियामक आयोग को कुलपतियों से जुड़े सभी दस्तावेज देने होंगे। आठ निजी विवि के कुलपतियों के इस्तीफे देने के बाद निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने भविष्य की नियुक्तियों के लिए सख्ती बरतना शुरू कर दिया है। सभी निजी विवि को आयोग ने निर्देश दिए हैं कि यूजीसी से तय नियमों को पूरा करने वालों को ही कुलपति नियुक्त किया जाएगा। अगर दूसरी बार फिर किसी विवि में अयोग्य कुलपति पाए गए तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
नियामक आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल सेवानिवृत्त अतुल कौशिक ने बताया कि निजी शिक्षण संस्थानों में गुणवत्ता युक्त शिक्षा मिले और योग्य लोगों की वहां नियुक्ति हो। इसके लिए आयोग प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि निजी विवि स्वायत्त संस्थाएं हैं। अपने स्तर पर कुलपति को नियुक्त करने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन आयोग को कुलपतियों की नियुक्ति करने के बाद पूरा रिकॉर्ड देना होगा। प्रदेश में उच्च शिक्षा देने वाले निजी विश्वविद्यालयों में यूजीसी के नियमों को दरकिनार कर की गई नियुक्तियों की परतें खुल गई हैं। आठ विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को अयोग्य होने के चलते पद छोड़ने पड़े हैं। आयोग की ओर से कुलपतियों की नियुक्ति प्रक्रिया और शैक्षणिक योग्यता को लेकर की गई जांच ने निजी शिक्षण संस्थानों की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा दिए हैं।
हिमाचल प्रदेश के सभी निजी विश्वविद्यालयों को अब नए कुलपति नियुक्त करते समय ही नियामक आयोग को कुलपतियों से जुड़े सभी दस्तावेज देने होंगे। आठ निजी विवि के कुलपतियों के इस्तीफे देने के बाद निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने भविष्य की नियुक्तियों के लिए सख्ती बरतना शुरू कर दिया है। सभी निजी विवि को आयोग ने निर्देश दिए हैं कि यूजीसी से तय नियमों को पूरा करने वालों को ही कुलपति नियुक्त किया जाएगा। अगर दूसरी बार फिर किसी विवि में अयोग्य कुलपति पाए गए तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
नियामक आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल सेवानिवृत्त अतुल कौशिक ने बताया कि निजी शिक्षण संस्थानों में गुणवत्ता युक्त शिक्षा मिले और योग्य लोगों की वहां नियुक्ति हो। इसके लिए आयोग प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि निजी विवि स्वायत्त संस्थाएं हैं। अपने स्तर पर कुलपति को नियुक्त करने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन आयोग को कुलपतियों की नियुक्ति करने के बाद पूरा रिकॉर्ड देना होगा। प्रदेश में उच्च शिक्षा देने वाले निजी विश्वविद्यालयों में यूजीसी के नियमों को दरकिनार कर की गई नियुक्तियों की परतें खुल गई हैं। आठ विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को अयोग्य होने के चलते पद छोड़ने पड़े हैं। आयोग की ओर से कुलपतियों की नियुक्ति प्रक्रिया और शैक्षणिक योग्यता को लेकर की गई जांच ने निजी शिक्षण संस्थानों की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा दिए हैं।