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एक माह में 168 लाख लीटर तक की कमी, मंगलवार को पेट्रोल के दाम 36 पैसे बढ़े
शिमला। पेट्रोल और डीजल के बढ़ती कीमतों का सीधा असर अब इसकी खपत पर पड़ा है। मंगलवार को पेट्रोल 36 और डीजल 33 पैसे प्रति लीटर और बढ़ गया। शहर में पेट्रोल 92.07 और डीजल 80.55 प्रति लीटर बिक रहा है। ऐसे में राजधानी शिमला के लोगों ने पहले के मुकाबले तेल का खर्चा घटा दिया है। इससे तेल की खपत पहले की अपेक्षा घटी है।
आंकड़ों के मुताबिक पिछले चार महीने में तेल की कीमतों में लगातार 42 बार वृद्धि हुई है।
शहर के पेट्रोल पंप संचालकों के मुताबिक तेल की बढ़ रही कीमतों के बाद पहले के मुकाबले तेल की खपत घटी है। लोग गाड़ी में पहले के मुकाबले कम तेल डाल रहे हैं। ताराहाल स्थित एचपी के पेट्रोल पंप पर जनवरी में 372 लाख लीटर तेल की खपत हुुई वहीं फरवरी में अब तक 204 लाख लीटर तेल की खपत हुई है। इंडियन ऑयल के संजौली स्थित पेट्रोल पंप के संचालकों के मुताबिक भी तेल की खपत पहले के मुकाबले घटी है।
पहले की अपेक्षा अब घटा
दिया है गाड़ी का इस्तेमाल
शिमला। राजधानी शिमला में पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों ने आम लोगों की रोजमर्रा जिंदगी पर भी असर डाला है। अब हर रोज सुबह कर्मचारी गाड़ी लेकर दफ्तर नहीं निकलते। कोशिश हो रही है कि जरूरी कार्यों के लिए ही वाहन का इस्तेमाल किया जाए। ऑपरेटर अनिल ने बताया कि बिजली, पानी और कूड़ा बिल देने हैं। गाड़ी की किस्तों में भी अतिरिक्त टैक्स देना पड़ा है, वहीं अब तेल की बढ़ोतरी के बाद घर चलाना मुश्किल हो गया है। धर्मेंद्र ठाकुर के मुताबिक लॉकडाउन को लेकर भी सरकार ने कोई टैक्स माफ नहीं किया है। कारोबार अभी भी प्रभावित है और खाद्य वस्तुओं के बाद तेल की कीमतों ने आर्थिक बजट बिगाड़कर रख दिया है। टैक्सी संचालक चुन्नीलाल ने कहा कि तेल की कीमत के बाद गाड़ी का इस्तेमाल करना कम कर दिया है। स्कूल खुलने के बाद कारोबार में उम्मीद जग गई है।