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बागवानों को राहत: सेब पर न्यूनतम आयात मूल्य 50 रुपये प्रतिकिलो निर्धारित, अधिसूचना जारी

अमर उजाला ब्यूरो, शिमला Published by: Krishan Singh Updated Tue, 09 May 2023 10:33 AM IST
सार

संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान और संजय चौहान ने बताया कि विदेशी सेब के कारण हिमाचल के सेब उत्पादकों को नुकसान उठाना पड़ रहा था। ईरान का सेब भारत में औसतन 20 से 25 रुपये के दाम पर आयात होता था। 

Minimum import price on apples fixed at Rs 50 per kg, notification issued, relief to gardeners
सेब - फोटो : अमर उजाला

विस्तार
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 हिमाचल प्रदेश, कश्मीर और उत्तराखंड के सेब बागवानों के लिए राहत भरी खबर है। केंद्र सरकार ने सेब पर न्यूनतम आयात मूल्य 50 रुपये प्रतिकिलो तय किया है। सोमवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है। देश के सेब उत्पादकों के हितों की रक्षा के लिए केंद्र ने आयात नीति में संशोधन कर 50 रुपये न्यूनतम आयात मूल्य (एमआईपी) पेश किया है। संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान और संजय चौहान ने बताया कि विदेशी सेब के कारण हिमाचल के सेब उत्पादकों को नुकसान उठाना पड़ रहा था। ईरान का सेब भारत में औसतन 20 से 25 रुपये के दाम पर आयात होता था। अब तक इस पर 50 फीसदी आयात शुल्क लगता था। 20 रुपये पर 10 रुपये आयात शुल्क जोड़कर 30 रुपये प्रतिकिलो दाम पर विदेशी सेब बाजारों में पहुंचता था।



अब प्रतिकिलो न्यूनतम 50 रुपये आयात मूल्य तय किया गया है। इससे 20 से 25 रुपये में आयात होने वाले सेब की कीमत 70 से 75 रुपये हो जाएगी। भूटान से सेब आयात को छूट दी गई है लेकिन इससे अधिक नुकसान नहीं होगा क्योंकि भूटान से निर्यात बेहद महंगा है। भूटान में सेब उत्पादन कम होने से सर्टिफिकेट ऑफ ओरेजन भी प्राप्त नहीं होगा। साफ्ता (साउथ एशियन फ्री ट्रेड कंट्रीज) के जरिये सेब के अवैध आयात पर भी इस फैसले से रोक लगेगी। भारी मात्रा में ईरान का सेब अफगानिस्तान के नाम पर पाकिस्तान होते हुए बिना आयात शुल्क भारत पहुंचता था।


मंच करार दे रहा पहली जीत
संयुक्त किसान मंच विदेशी सेब पर 100 फीसदी आयात शुल्क की मांग कर रहा था। केंद्र सरकार की ओर से 50 रुपये प्रतिकिलो आयात मूल्य निर्धारित करने को मंच अपनी पहली जीत करार दे रहा है। हिल स्टेट हार्टीकल्चर फोरम के संयोजक हरीश चौहान बीते तीन सालों से केंद्र सरकार की प्री बजट मीटिंग में विदेशी सेब पर आयात शुल्क 100 फीसदी करने का मुद्दा प्रमुखता से उठा रहे थे। चौहान ने इस फैसले के लिए प्रधानमंत्री मोदी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, अनुराग ठाकुर और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा का आभार जताया है।

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