सचिन चौधरी, संवाद न्यूज एजेंसी, धर्मशाला
Published by: अरविन्द ठाकुर
Updated Sat, 15 Jan 2022 12:04 PM IST
इफ्को कंपनी खाद पर किसानों को दी जा रही सब्सिडी को बचाएगी। इससे केंद्र सरकार के 8 हजार करोड़ रुपये की बचत होगी। इफ्को कंपनी ने यूरिया खाद की 45 किलो यूरिया की गुणवत्ता को 240 रुपये में मिलने वाली नैनो यूरिया तरल खाद की बोतल में उतारा है। यूरिया का 90 फीसदी पोषण फसलों को मिलेगा, जबकि इससे पहले 30 फीसदी तक पोषण ही मिलता था। अभी तक देश भर में इस नैनो खाद की 80 लाख बोतलें भेजी गई हैं।
जानकारी के अनुसार खाद निर्माता कंपनी इफ्को ने खाद का तरल पदार्थ बाजार में उतारा है। यूरिया खाद के पूरे गुणों से भरपूर यह बोतल वजन में हल्की होगी। पर्यावरण और पौधों के लिए भी लाभदायक रहेगी। बोतल में मौजूद तरल तत्वों का पानी के साथ फसलों पर छिड़काव किया जाएगा। छिड़काव के करीब तीन-चार दिन बाद ही यह पौधों पर अपना असर दिखाना शुरू कर देगी। पहले बैग में आने वाले यूरिया के छिड़काव पौधों तक पहुंचने में 10 से 12 दिन लगते थे।
हर वर्ष सरकार लाखों रुपये सब्सिडी के रूप में किसानों पर खर्च करती है। तरल के रूप में यूरिया खाद के आने से जहां किसानों को लाभ होगा, वहीं सरकार को भी फायदा पहुंचेगा। इफ्को कंपनी इस बोतल का सफल ट्रायल कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में कर चुकी है। जहां अच्छे रुझान मिले हैं। किसान खेतों में इस बोतल का काफी इस्तेमाल कर रहे हैं।
यूरिया कंपनी ने 45 किलो यूरिया की गुणवत्ता को एक तरल पदार्थ में बोतल के रूप में लांच किया है। यह बोतल 10 कनाल भूमि के लिए प्रयोग में लाई जा सकेगी। इससे जहां किसानों को फायदा होगा, वहीं सरकार को भी काफी लाभ पहुंचेगा। -माशूक, फील्ड ऑफिसर, इफ्को कांगड़ा।
विस्तार
इफ्को कंपनी खाद पर किसानों को दी जा रही सब्सिडी को बचाएगी। इससे केंद्र सरकार के 8 हजार करोड़ रुपये की बचत होगी। इफ्को कंपनी ने यूरिया खाद की 45 किलो यूरिया की गुणवत्ता को 240 रुपये में मिलने वाली नैनो यूरिया तरल खाद की बोतल में उतारा है। यूरिया का 90 फीसदी पोषण फसलों को मिलेगा, जबकि इससे पहले 30 फीसदी तक पोषण ही मिलता था। अभी तक देश भर में इस नैनो खाद की 80 लाख बोतलें भेजी गई हैं।
जानकारी के अनुसार खाद निर्माता कंपनी इफ्को ने खाद का तरल पदार्थ बाजार में उतारा है। यूरिया खाद के पूरे गुणों से भरपूर यह बोतल वजन में हल्की होगी। पर्यावरण और पौधों के लिए भी लाभदायक रहेगी। बोतल में मौजूद तरल तत्वों का पानी के साथ फसलों पर छिड़काव किया जाएगा। छिड़काव के करीब तीन-चार दिन बाद ही यह पौधों पर अपना असर दिखाना शुरू कर देगी। पहले बैग में आने वाले यूरिया के छिड़काव पौधों तक पहुंचने में 10 से 12 दिन लगते थे।
हर वर्ष सरकार लाखों रुपये सब्सिडी के रूप में किसानों पर खर्च करती है। तरल के रूप में यूरिया खाद के आने से जहां किसानों को लाभ होगा, वहीं सरकार को भी फायदा पहुंचेगा। इफ्को कंपनी इस बोतल का सफल ट्रायल कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में कर चुकी है। जहां अच्छे रुझान मिले हैं। किसान खेतों में इस बोतल का काफी इस्तेमाल कर रहे हैं।
यूरिया कंपनी ने 45 किलो यूरिया की गुणवत्ता को एक तरल पदार्थ में बोतल के रूप में लांच किया है। यह बोतल 10 कनाल भूमि के लिए प्रयोग में लाई जा सकेगी। इससे जहां किसानों को फायदा होगा, वहीं सरकार को भी काफी लाभ पहुंचेगा। -माशूक, फील्ड ऑफिसर, इफ्को कांगड़ा।