पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के 29 जनवरी से बजट सत्र के एलान के साथ ही हिमाचल प्रदेश में भी बजट सत्र के आयोजन को लेकर कवायद शुरू हो गई है। सूत्रों का कहना है कि शुक्रवार 15 जनवरी को होने वाली कैबिनेट बैठक में बजट सत्र को लेकर फैसला हो सकता है। कोविड की वजह से पिछला बजट सत्र बीच में ही रोकना पड़ा था। शीत सत्र भी नहीं हो पाया था। ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार के सत्र को प्रदेश सरकार लंबा चला सकती है।
ऐसा इसलिए भी है, क्योंकि शीत सत्र आयोजित कराने की कांग्रेस और माकपा विधायकों ने मांग की थी, ताकि प्रदेश सरकार को कोविड काल में भ्रष्टाचार के मामलों पर घेरा जा सके। हालांकि कोविड के बहाने सरकार ने सत्र टाल दिया था। ऐसे में अब सरकार पर भी इस बार के सत्र को पूरा चलाने और लंबे समय से विभिन्न मांगों और चर्चाओं को सदन में करने को तैयार बैठे विधायकों को समय देने को लेकर दबाव है। बता दें कि केंद्र सरकार ने 29 जनवरी से बजट सत्र की घोषणा की है और 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी।
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के 29 जनवरी से बजट सत्र के एलान के साथ ही हिमाचल प्रदेश में भी बजट सत्र के आयोजन को लेकर कवायद शुरू हो गई है। सूत्रों का कहना है कि शुक्रवार 15 जनवरी को होने वाली कैबिनेट बैठक में बजट सत्र को लेकर फैसला हो सकता है। कोविड की वजह से पिछला बजट सत्र बीच में ही रोकना पड़ा था। शीत सत्र भी नहीं हो पाया था। ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार के सत्र को प्रदेश सरकार लंबा चला सकती है।
ऐसा इसलिए भी है, क्योंकि शीत सत्र आयोजित कराने की कांग्रेस और माकपा विधायकों ने मांग की थी, ताकि प्रदेश सरकार को कोविड काल में भ्रष्टाचार के मामलों पर घेरा जा सके। हालांकि कोविड के बहाने सरकार ने सत्र टाल दिया था। ऐसे में अब सरकार पर भी इस बार के सत्र को पूरा चलाने और लंबे समय से विभिन्न मांगों और चर्चाओं को सदन में करने को तैयार बैठे विधायकों को समय देने को लेकर दबाव है। बता दें कि केंद्र सरकार ने 29 जनवरी से बजट सत्र की घोषणा की है और 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी।