भाजपा के मार्गदर्शक मंडल के सदस्य एवं पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार की आत्मकथा ‘निज पथ’ का नई दिल्ली में वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी और वरिष्ठ पत्रकार प्रभु चावला की मौजूदगी में विमोचन हुआ। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा व्यस्तता की वजह से नहीं पहुंच पाए। इस किताब के कवर पेज पर शांता और उनकी दिवंगत धर्मपत्नी संतोष शैलजा का फोटो लगा है। शांता कुमार अपनी आत्मकथा निज पथ पिछले एक वर्ष से लिख रहे थे। इसे लिखने में उनकी धर्मपत्नी ने पूरा सहयोग किया था।
आत्मकथा के विमोचन पर कुछ पल के लिए शांता कुमार भावुक भी हो गए। इस किताब में शांता ने अपनी छह दशक की राजनीति में घटित हर पहलू का बेबाकी से वर्णन किया है। निजी जीवन और भाजपा में अपने उतार-चढ़ाव के सभी पहलुओं का शांता ने किताब में जिक्र किया है। शांता ने किताब में लिखा है कि 1951 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक बनने से लेकर कैसे प्रदेश में भाजपा को बुलंदियों पर पहुंचाया। इसमें यह भी लिखा है कि सच बोलने पर कैसे उन्हें सियासी परेशानियां भी हुईं। शांता की आत्मकथा का विमोचन होने पर अब शिमला से लेकर दिल्ली तक सियासी उथल-पुथल भी मच गई है।
भाजपा के मार्गदर्शक मंडल के सदस्य एवं पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार की आत्मकथा ‘निज पथ’ का नई दिल्ली में वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी और वरिष्ठ पत्रकार प्रभु चावला की मौजूदगी में विमोचन हुआ। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा व्यस्तता की वजह से नहीं पहुंच पाए। इस किताब के कवर पेज पर शांता और उनकी दिवंगत धर्मपत्नी संतोष शैलजा का फोटो लगा है। शांता कुमार अपनी आत्मकथा निज पथ पिछले एक वर्ष से लिख रहे थे। इसे लिखने में उनकी धर्मपत्नी ने पूरा सहयोग किया था।
आत्मकथा के विमोचन पर कुछ पल के लिए शांता कुमार भावुक भी हो गए। इस किताब में शांता ने अपनी छह दशक की राजनीति में घटित हर पहलू का बेबाकी से वर्णन किया है। निजी जीवन और भाजपा में अपने उतार-चढ़ाव के सभी पहलुओं का शांता ने किताब में जिक्र किया है। शांता ने किताब में लिखा है कि 1951 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक बनने से लेकर कैसे प्रदेश में भाजपा को बुलंदियों पर पहुंचाया। इसमें यह भी लिखा है कि सच बोलने पर कैसे उन्हें सियासी परेशानियां भी हुईं। शांता की आत्मकथा का विमोचन होने पर अब शिमला से लेकर दिल्ली तक सियासी उथल-पुथल भी मच गई है।