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Employee's State Insurance Corporation sought Answer from 1,500 industries for not depositing workers' contri
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कर्मचारी राज्य बीमा निगम: हिमाचल में कामगारों का अंशदान जमा नहीं करने पर 1,500 उद्योगों से मांगा जवाब
ओमपाल सिंह, संवाद न्यूज एजेंसी, बद्दी (सोलन)
Published by: Krishan Singh
Updated Sat, 01 Apr 2023 12:44 PM IST
सार
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कर्मचारी राज्य बीमा निगम में 11,000 से अधिक उद्योग पंजीकृत हैं। जिस कंपनी में दस या इससे अधिक कामगार होते हैं, उस कंपनी को निगम के तहत अपने कामगारों को पंजीकृत करना होता है।
कर्मचारी राज्य बीमा निगम ने प्रदेश के 1,500 उद्योगों को अंशदान जमा न करवाने पर नोटिस जारी किए हैं। संचालकों से जवाब मांगा है कि किस कारण उन्होंने अंशदान जमा नहीं करवाया है। प्रदेश में 2113 उद्योग फरवरी में डिफाल्टर हैं। कर्मचारी राज्य बीमा निगम में 11,000 से अधिक उद्योग पंजीकृत हैं। जिस कंपनी में दस या इससे अधिक कामगार होते हैं, उस कंपनी को निगम के तहत अपने कामगारों को पंजीकृत करना होता है। कामगार के वेतन का .75 और कंपनी की ओर से 3.25 फीसदी कामगार के वेतन से निगम में जमा होते हैं। 21,000 से अधिक के वेतन वाले कामगार का अंशदान नहीं कटता है।
जिन कामगारों को अंशदान कटता है, उसके बदले में निगम की ओर से चिकित्सा, प्रसूति, अंत्येष्टि, नकद, पुर्नवास, कामगारों के बच्चों को एमबीबीएस, पेंशन योजना समेत कई हित लाभ निगम की ओर से मिलते हैं, लेकिन कई संचालक कामगारों से अंशदान तो काट लेते हैं, लेकिन ईएसआईसी के पास जमा नहीं करते है। ऐसे प्रदेश में 2,113 उद्योग हैं, जिन्होंने फरवरी तक अपना पूरा अंशदान जमा नहीं करवाया। निगम ने इसमें 1,500 उद्योगों को नोटिस भेजा है। उनसे जवाब मांगा है कि किस आधार पर उन्होंने अंशदान रोका है।
निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक संजीव कुमार ने कहा कि अंशदान जमा न करवाने पर 1500 उद्योगों को नोटिस जारी किए हैं। जिन उद्योग का अंशदान जमा नहीं होता तो वह खुद पेंडिंग हो जाता है। ऐसे उद्योगों को निगम की ओर से एक चिट्ठी लिखी जाती है। इसमें उनसे अंशदान जमा न कराने का कारण पूछा जाता है। उसके बाद उद्योगों को सुनवाई के लिए बुलाया जाता है। अगर फिर भी उद्योगपति पैसा जमा नहीं करवाता है तो उसके बाद रिकवरी के आदेश निकाले जाते हैं। हालांकि, यदि कोई उद्योग बंद हो जाए तो उसमें अंशदान जमा नहीं होता।
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