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मंडी में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को केंद्र की सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के बाद डीपीआर बनाने का काम शुरू हो गया है। भारत सरकार के उपक्रम वैपकास की टीम उपायुक्त मंडी से मुलाकात कर चुकी है। प्रशासन ने डीपीआर बनाने को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। हाल ही में दिल्ली दौरे पर गए सीएम जयराम ठाकुर ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी से अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को लेकर मुलाकात की थी।
केंद्र से इसके निर्माण को सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की तकनीकी टीम हवाई अड्डे के दोनों छोर का सर्वे कर चुकी है। बड़े विमान उतारने को टीम ने कंसा, सुकेती खड्ड, भोर व डूगराई क्षेत्र में हवाई पट्टी के एंडिंग और ओपनिंग प्वाइंट्स का सर्वे किया है। हवाई पट्टी करीब पांच किमी की होगी। यह टीम प्रारंभिक प्रोजेक्ट रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। वहीं, डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि वैपकास से कुछ लोग मिले थे। डीपीआर के लिए प्रशासन ने हरसंभव सहायता देने की आश्वासन दिया है।
3500 बीघा भूमि का होगा अधिग्रहण
बल्ह घाटी में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा सीएम जयराम ठाकुर का ड्रीम प्रोजेक्ट है। सरकार दो वर्षों से इस पर काम कर रही है। लगभग 3500 बीघा भूमि एयरपोर्ट की जद में आएगी। नौ राजस्व मुहाल डडौर, कुम्मी, स्यांह, छातड़ू, टावां, जरलू, भौर, ढाबण व डुगराईं से भूमि अधिग्रहण किया जाएगा। पहले जरलू और छातड़ू राजस्व मुहाल को प्रस्तावित एयरपोर्ट के नक्शे में नहीं रखा था, लेकिन अब सुंदरनगर के कनैड व डडोह मुहाल को बाहर कर दिया है। नागचला में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाया जाना है। भूमि अधिग्रहण को सरकार ने नेगोशिएशन कमेटी बना दी है। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर भू अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू होगी।
पर्यटन को ज्यादा फायदा
मंडी में एयरपोर्ट बनने से पर्यटन को फायदा मिलेगा। मंडी प्रदेश के केंद्र में स्थित है। शिमला और धर्मशाला के लिए यहां से सड़क मार्ग से 4 घंटे लगते हैं। कुल्लू व मनाली के लिए इतना ही समय लगता है। एयरपोर्ट बनने के बाद स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। मौजूदा समय में गगल, भुंतर और जुब्बड़हट्टी में एयरपोर्ट है। मंडी हवाई अड्डे का निर्माण दो चरणों में होगा। पहले चरण में 2400 मीटर का रनवे बनाया जाना प्रस्तावित है। इसके लिए 3500 बीघा जमीन का अधिग्रहण होगा।
मंडी में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को केंद्र की सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के बाद डीपीआर बनाने का काम शुरू हो गया है। भारत सरकार के उपक्रम वैपकास की टीम उपायुक्त मंडी से मुलाकात कर चुकी है। प्रशासन ने डीपीआर बनाने को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। हाल ही में दिल्ली दौरे पर गए सीएम जयराम ठाकुर ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी से अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को लेकर मुलाकात की थी।
केंद्र से इसके निर्माण को सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की तकनीकी टीम हवाई अड्डे के दोनों छोर का सर्वे कर चुकी है। बड़े विमान उतारने को टीम ने कंसा, सुकेती खड्ड, भोर व डूगराई क्षेत्र में हवाई पट्टी के एंडिंग और ओपनिंग प्वाइंट्स का सर्वे किया है। हवाई पट्टी करीब पांच किमी की होगी। यह टीम प्रारंभिक प्रोजेक्ट रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। वहीं, डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि वैपकास से कुछ लोग मिले थे। डीपीआर के लिए प्रशासन ने हरसंभव सहायता देने की आश्वासन दिया है।
3500 बीघा भूमि का होगा अधिग्रहण
बल्ह घाटी में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा सीएम जयराम ठाकुर का ड्रीम प्रोजेक्ट है। सरकार दो वर्षों से इस पर काम कर रही है। लगभग 3500 बीघा भूमि एयरपोर्ट की जद में आएगी। नौ राजस्व मुहाल डडौर, कुम्मी, स्यांह, छातड़ू, टावां, जरलू, भौर, ढाबण व डुगराईं से भूमि अधिग्रहण किया जाएगा। पहले जरलू और छातड़ू राजस्व मुहाल को प्रस्तावित एयरपोर्ट के नक्शे में नहीं रखा था, लेकिन अब सुंदरनगर के कनैड व डडोह मुहाल को बाहर कर दिया है। नागचला में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाया जाना है। भूमि अधिग्रहण को सरकार ने नेगोशिएशन कमेटी बना दी है। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर भू अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू होगी।
पर्यटन को ज्यादा फायदा
मंडी में एयरपोर्ट बनने से पर्यटन को फायदा मिलेगा। मंडी प्रदेश के केंद्र में स्थित है। शिमला और धर्मशाला के लिए यहां से सड़क मार्ग से 4 घंटे लगते हैं। कुल्लू व मनाली के लिए इतना ही समय लगता है। एयरपोर्ट बनने के बाद स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। मौजूदा समय में गगल, भुंतर और जुब्बड़हट्टी में एयरपोर्ट है। मंडी हवाई अड्डे का निर्माण दो चरणों में होगा। पहले चरण में 2400 मीटर का रनवे बनाया जाना प्रस्तावित है। इसके लिए 3500 बीघा जमीन का अधिग्रहण होगा।