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अमेरिका सरकार की ओर से अक्तूबर में तिब्बत मामले का विशेष समन्वयक नामित लोकतंत्र, मानवाधिकार और श्रम मामलों के सहायक विदेश मंत्री रॉबर्ट डेस्ट्रो के साथ बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा ने मैक्लोडगंज से सीधे ऑनलाइन बातचीत की। रॉबर्ट डेस्ट्रो के साथ अमेरिका सरकार के अन्य सहयोगी थी मौजूद थे। हालांकि रॉबर्ट को दलाईलामा ने वर्चुअल आडियंस में क्या कहा, इसके बारे में दलाईलामा दफ्तर की ओर से जानकारी नहीं दी गई।
दलाईलामा के साथ बातचीत के बाद रॉबर्ट ने केंद्रीय तिब्बत प्रशासन यानी निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रधानमंत्री डॉ. लोबसंग सांग्ये और दूसरे अधिकारियों को संबोधित किया। रॉबर्ट ने कहा कि हमारा काम सभी तिब्बती लोगों के लिए उपयोगी होना और उनकी सेवा करना है। निर्वासित सरकार अपनी संस्कृति और भाषा की रक्षा करे, अमेरिकी सरकार इसमें सहयोग करेगी। डॉ. लोबसंग सांग्ये ने रॉबर्ट का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि तिब्बत मुद्दे को समर्थन करने के लिए अमेरिकी सरकार की ओर से कानून बनाना स्वागत योग्य कदम है।
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने अक्तूबर में लोकतंत्र, मानवाधिकार और श्रम मामलों के सहायक विदेश मंत्री रॉबर्ट डेस्ट्रो को तिब्बत मामले का विशेष समन्वयक नामित किया था। पोम्पियो ने कहा था कि डेस्ट्रो चीन में कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार और दलाईलामा के साथ संवाद को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे, ताकि तिब्बत की विशेष धार्मिक, सांस्कृतिक और भाषाई पहचान की रक्षा की जा सके और उनके मानवाधिकार के प्रति सम्मान में सुधार के लिए काम किया जा सके।
रॉबर्ट की नियुक्ति पर चीन ने जताई थी आपत्ति
रॉबर्ट डेस्ट्रो की नियुक्ति पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा था कि अमेरिका का कदम चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप जैसा है। चीन ने इस नियुक्ति पर आपत्ति जताई थी।
अमेरिका सरकार की ओर से अक्तूबर में तिब्बत मामले का विशेष समन्वयक नामित लोकतंत्र, मानवाधिकार और श्रम मामलों के सहायक विदेश मंत्री रॉबर्ट डेस्ट्रो के साथ बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा ने मैक्लोडगंज से सीधे ऑनलाइन बातचीत की। रॉबर्ट डेस्ट्रो के साथ अमेरिका सरकार के अन्य सहयोगी थी मौजूद थे। हालांकि रॉबर्ट को दलाईलामा ने वर्चुअल आडियंस में क्या कहा, इसके बारे में दलाईलामा दफ्तर की ओर से जानकारी नहीं दी गई।
दलाईलामा के साथ बातचीत के बाद रॉबर्ट ने केंद्रीय तिब्बत प्रशासन यानी निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रधानमंत्री डॉ. लोबसंग सांग्ये और दूसरे अधिकारियों को संबोधित किया। रॉबर्ट ने कहा कि हमारा काम सभी तिब्बती लोगों के लिए उपयोगी होना और उनकी सेवा करना है। निर्वासित सरकार अपनी संस्कृति और भाषा की रक्षा करे, अमेरिकी सरकार इसमें सहयोग करेगी। डॉ. लोबसंग सांग्ये ने रॉबर्ट का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि तिब्बत मुद्दे को समर्थन करने के लिए अमेरिकी सरकार की ओर से कानून बनाना स्वागत योग्य कदम है।
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने अक्तूबर में लोकतंत्र, मानवाधिकार और श्रम मामलों के सहायक विदेश मंत्री रॉबर्ट डेस्ट्रो को तिब्बत मामले का विशेष समन्वयक नामित किया था। पोम्पियो ने कहा था कि डेस्ट्रो चीन में कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार और दलाईलामा के साथ संवाद को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे, ताकि तिब्बत की विशेष धार्मिक, सांस्कृतिक और भाषाई पहचान की रक्षा की जा सके और उनके मानवाधिकार के प्रति सम्मान में सुधार के लिए काम किया जा सके।
रॉबर्ट की नियुक्ति पर चीन ने जताई थी आपत्ति
रॉबर्ट डेस्ट्रो की नियुक्ति पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा था कि अमेरिका का कदम चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप जैसा है। चीन ने इस नियुक्ति पर आपत्ति जताई थी।