हिमाचल प्रदेश विजिलेंस ने मंगलवार को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की गगरेट शाखा के मैनेजर और उसके एक एजेंट को 20 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है। कर्ज चुकाने के बावजूद बैंक मैनेजर ने एक उद्योग के ताले खुलवाने के बदले 20 हजार रुपये रिश्वत मांगी थी। बैंक प्रबंधक और एजेंट दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7, 7ए के तहत मुकदमा दर्ज करके जांच की जा रही है। शिकायतकर्ता राकेश कुमार निवासी गगरेट ने विजिलेंस में शिकायत दी थी कि उसने अपने लकड़ी के लघु उद्योग के लिए गगरेट की एसबीआई शाखा से कर्ज लिया था।
कर्ज की किस्तें निरंतर न देने पर बैंक ने उसके लोन को एनपीए घोषित करके 2019 में फैक्ट्री सील कर दी थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि बीते 26 फरवरी को सारा पैसा चुकता करके लोन अकाउंट बंद कर दिए, लेकिन बैंक ने सील किए उद्योग के ताले नहीं खोले। इस पर शिकायतकर्ता आरोपी मैनेजर आशीष कुमार के पास बार-बार गया, लेकिन प्रबंधक बहाने करता रहा। आरोपी प्रबंधक ने शिकायतकर्ता से ताले खुलवाने की बदले 20 हजार रुपये की मांग की।
प्रबंधक ने खुद रुपये लेने से मना किया और एजेंसी के एक व्यक्ति अनिल कुमार को रुपये देने की बात कही। एएसपी विजिलेंस सागर चंद्र ने बताया कि राकेश की शिकायत पर विजिलेंस ने आरोपी को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। मंगलवार को विजिलेंस ने 20 हजार रुपये एजेंसी के आदमी को देते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। इस कार्रवाई के दौरान एजेंसी का व्यक्ति अनिल कुमार तथा मैनेजर आशीष कुमार दोनों ही मौके पर मौजूद थे और उद्योग के ताले खुलवा रहे थे। विजिलेंस ने जांच शुरू कर दी है।