गुड़िया प्रकरण से सियासी और सोशल मीडिया के फ्रंट पर घिरे मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने मामले से जुड़े सवालों पर अपनी स्थिति साफ की है। मुख्यमंत्री ने उनके फेसबुक पेज पर डली पोस्ट को गलत माना जबकि भाजपा और माकपा पर संवेदनशील मामले में सियासत करने का आरोप जड़ा है।
उन्होंने कहा कि आंदोलन करना जायज है, लेकिन उसके नाम पर शांति भंग करना सही नहीं। उन्होंने बढ़ते विवाद के बीच पीड़ित परिवार को लेकर भावुक बयान भी दिया कि उनकी भी चार बेटियां हैं।
गुड़िया के माता पिता का दर्द समझ सकता हूं वह कि आज किस पीड़ा से गुजर रहे हैं। दिल्ली से जारी बयान में मुख्यमंत्री ने कहा कि मामला गंभीर है और इसके जो भी दोषी है वह बख्शे नहीं जाएंगे। उन्होंने खुद जांच के लिए सीबीआई को पत्र लिखा था।
प्रधानमंत्री से निवेदन करने के साथ गृहमंत्री से भी बात की। वे चाहते हैं कि मामले की निष्पक्ष जांच हो और आरोपी पकड़े जाएं ताकि उन्हें सजा मिल सके। यह जांच एजेंसी पता लगाएगी कि हत्या क्यों हुई और किन कारणों से हुई।
मुख्यमंत्री ने अपने आपराधिक घटनाओं को लेकर दिए बयान पर कहा कि उसे तोड़मरोड़ कर पेश किया गया। उन्होंने सिर्फ यह कहा कि आपराधिक घटनाएं होती हैं। हमारी कोशिश रहती है कि कानून के तहत तुरंत ऐसी घटनाओं पर कार्रवाई हो।
भाजपा और माकपा ने मामले को सियासी रंग दिया। उन्होंने कहा कि सियासी दलों से अपील करता हूं कि ऐसे संगीन मामलों को गलत तरीके से न उठाएं। ग्रामीण क्षेत्रों में भाजपा और सीपीएम का बेस नहीं है।
उनका प्रयास था कि इस घटना से कानून व्यवस्था का मुद्दा बनाया जाए। आंदोलन करना जायज है, लेकिन शांति भंग करना सही नहीं। सोशल मीडिया में तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया।
गौरतलब है कि सीएम का यह बयान तब आया है जब प्रदेश भर में गुड़िया केस को लेकर सरकार और पुलिस विपक्षी दलों के साथ.साथ जनता के निशाने पर हैं। घटना सामने आने के बाद हम हर स्तर पर दोषियों को जेल की सलाखें के पीछे लाने का प्रयास कर रहे थे।
मुख्यमंत्री के फेसबुक अकाउंट पर कथित आरोपियों के फोटो अपलोड होने पर सीएम ने कहा कि मैं निजी अकाउंट को नहीं चलता हूं। कुछ लोग इसे चलाते हैं, जिन्होंने कुछ सेकेंड के लिए फोटो डाले फिर हटा दिये। हकीकत में उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था।
गुडि़या प्रकरण और पुलिस लॉकअप में मारे गए एक आरोपी से जुड़े साक्ष्य जुटाने सीबीआई की फोरेंसिक टीम शिमला पहुंच गई है। दिल्ली से आई टीम मंगलवार को आरोपी सूरज के शव का परीक्षण करेगी।
जिस पिकअप में गुडि़या को लिफ्ट दी गई उसके अलावा क्राइम सीन और उसके आसपास के क्षेत्र का भी टीम परीक्षण करेगी। वहीं, सोमवार दोपहर को सीबीआई की एक टीम हलाइला व कोटखाई में मौका मुआयना करने के लिए रवाना हो गई।
सूत्रों का कहना है कि टीम पुलिस की थ्योरी को री चेक करने के बाद नए सिरे से काम शुरू करेगी। गुडि़या व सूरज हत्याकांड की जांच करने के लिए रविवार को शिमला सीबीआई की टीम के पहुंचने के बाद सोमवार को उसकी फोरेंसिक एक्सपर्टों की टीम भी शिमला पहुंच गई।
मंगलवार को आरोपी मृतक सूरज के शव का परीक्षण होते ही शिमला पुलिस परिजनों को शव सौंप देगी। दरअसल, 19 जुलाई को कोटखाई थाने में पूछताछ के दौरान नेपाली मूल के एक आरोपी सूरज की मौत हो गई।
पुलिस का कहना था कि आरोपी राजू ने सूरज की लॉकअप के अंदर पीट पीटकर हत्या कर दी। इस घटना के बाद ही हाईकोर्ट ने सीबीआई को तत्काल केस अपने हाथ में लेकर जांच के निर्देश दिए थे।
केस की जांच के लिए सीबीआई के एसआईटी गठित करते ही सबसे पहले सूरज के शव को देखने की इच्छा जताई। चूंकि पोस्टमार्टम के बाद से पुलिस ने शव परिवार को नहीं दिया था, इसलिए परिजनों ने शव के लिए हंगामा शुरू कर दिया।
पुलिस ने सीबीआई से संपर्क किया तो उन्होंने एक्सपर्ट टीम से शव का परीक्षण कराने की बात कही, जिसके बाद से पुलिस और परिजन दोनों ही उस टीम का इंतजार कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि मंगलवार को टीम के सदस्य शव का परीक्षण कर लेंगे, जिसके बाद उसे परिजनों को सौंप दिया जाएगा। इसके बाद टीम क्राइम सीन व अन्य जगहों के लिए रवाना हो जाएगी।
पुलिस हवालात में कत्ल हुए नेपाली सूरज का शव सोमवार को भी आईजीएमसी अस्पताल के शव गृह में पड़ा रहा। सीबीआई ने शव का निरीक्षण करना था लेकिन सीबीआई की फोरेंसिक टीम समय पर नहीं पहुंच पाई। टीम देर शाम शिमला पहुंची अब मंगलवार को शव का निरीक्षण करने के बाद शव सूरज के परिजनों के सपुर्द कर दिया जाएगा।
गुड़िया प्रकरण से सियासी और सोशल मीडिया के फ्रंट पर घिरे मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने मामले से जुड़े सवालों पर अपनी स्थिति साफ की है। मुख्यमंत्री ने उनके फेसबुक पेज पर डली पोस्ट को गलत माना जबकि भाजपा और माकपा पर संवेदनशील मामले में सियासत करने का आरोप जड़ा है।
उन्होंने कहा कि आंदोलन करना जायज है, लेकिन उसके नाम पर शांति भंग करना सही नहीं। उन्होंने बढ़ते विवाद के बीच पीड़ित परिवार को लेकर भावुक बयान भी दिया कि उनकी भी चार बेटियां हैं।
गुड़िया के माता पिता का दर्द समझ सकता हूं वह कि आज किस पीड़ा से गुजर रहे हैं। दिल्ली से जारी बयान में मुख्यमंत्री ने कहा कि मामला गंभीर है और इसके जो भी दोषी है वह बख्शे नहीं जाएंगे। उन्होंने खुद जांच के लिए सीबीआई को पत्र लिखा था।
प्रधानमंत्री से निवेदन करने के साथ गृहमंत्री से भी बात की। वे चाहते हैं कि मामले की निष्पक्ष जांच हो और आरोपी पकड़े जाएं ताकि उन्हें सजा मिल सके। यह जांच एजेंसी पता लगाएगी कि हत्या क्यों हुई और किन कारणों से हुई।