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Himachal: केंद्र ने 5,500 करोड़ रुपये घटाई हिमाचल की कर्ज लेने की सीमा, सुक्खू वित्त मंत्री से उठाएंगे मामला

अमर उजाला ब्यूरो, शिमला Published by: Krishan Singh Updated Tue, 30 May 2023 09:08 PM IST
सार

नई दिल्ली से शिमला लौटे मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने पत्रकारों से कहा कि वर्ष 2023-24 में प्रदेश की कर्ज लेने की सीमा 14,500 करोड़ रुपये थी। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बने हुए पांच महीने हुए हैं, मगर केंद्र ने यह कटौती की है।

Center reduced Himachal loan limit by Rs 5,500 crore, CM Sukhu will take up the matter with the Finance Minist
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू। - फोटो : अमर उजाला

विस्तार
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 केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश की कर्ज लेने की सीमा 5,500 करोड़ रुपये घटा दी। पहले जो 14,500 करोड़ थी, वह अब 9,000 करोड़ रुपये रह गई। नई दिल्ली से शिमला लौटे मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने पत्रकारों से कहा कि वर्ष 2023-24 में प्रदेश की कर्ज लेने की सीमा 14,500 करोड़ रुपये थी। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बने हुए पांच महीने हुए हैं, मगर केंद्र ने यह कटौती की है। मंगलवार को सीएम ने कहा है कि अधिकारियों की टीम के साथ वह फिर दिल्ली जा रहे हैं और वहां केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भेंट कर यह मामला उठाएंगे।



सुक्खू ने कहा कि यही नहीं, नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) के लिए केंद्र से मैचिंग ग्रांट मिलती थी, वह भी रोक दी गई है। एनपीएस के लिए मार्च में केंद्र से 1,780 करोड़ पेंशन के मिलते थे। सीएम ने कहा कि राज्य में बिजली की परियोजनाओं पर रॉयल्टी का शेयर 30 से 50 प्रतिशत तक होना चाहिए। पिछली सरकार ने मुफ्त रॉयल्टी आगे 12 साल के लिए खिसका दी। प्रदेश में पहले ही आर्थिक तंगी है। ऐसे में प्रदेश में बिजली परियोजनाओं के ऋण मुक्त होने की स्थिति में रॉयल्टी को बढ़ाया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री से जब कैबिनेट विस्तार पर सवाल किया गया तो वह इसे टाल गए।


सीएम ने शिमला में पर्यावरण मंत्रालय का एकीकृत क्षेत्रीय कार्यालय खोलने का किया आग्रह
 मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंगलवार को नई दिल्ली में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव से भेंट की। इस दौरान सीएम ने केंद्रीय मंत्री से राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं जैसे फोरलेन, रणनीतिक रक्षा बुनियादी ढांचे आदि के लिए तेजी से वन मंजूरी देने के लिए शिमला में मंत्रालय का एक अलग कार्यशील एकीकृत क्षेत्रीय कार्यालय खोलने का मामला उठाया। सीएम ने केंद्रीय मंत्री को अवगत करवाया कि सरकार प्रदेश में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूलों का निर्माण करने जा रही है। इनका परिसर पांच हेक्टेयर क्षेत्र में होगा।

उन्होंने पहाड़ी क्षेत्रों में स्कूलों के निर्माण के लिए वन संरक्षण अधिनियम, 1980 के तहत वन भूमि के विचलन (डायवर्जन) की सीमा में छूट देकर इसे बढ़ाने का आग्रह किया। उन्होंने एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूलों में यह सीमा छह और डे-बोर्डिंग स्कूलों के लिए पांच हेक्टेयर तक बढ़ाने का आग्रह किया। उन्होंने सरकार को वन संरक्षण अधिनियम 1980 के तहत पांच हेक्टेयर तक गैर वानिकी उद्देश्य के लिए वन भूमि के परिवर्तन को मंजूरी देने का अधिकार प्रदान करने का भी आग्रह किया। सीएम ने अवगत करवाया कि राज्य सरकार ने सभी जिलों में हेलीपोर्ट बनाने का निर्णय लिया है। यह प्रस्ताव मंत्रालय के पास लंबित हैं। इसे स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किया। केंद्रीय मंत्री ने राज्य को हरसंभव सहयोग देने का आग्रह किया।

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