लॉकअप में हुए सूरज हत्याकांड मामले में फंसी एसआईटी के लिए आने वाले दिनों में प्रदेश हाईकोर्ट में दिए गए शपथपत्र भी गले की फांस बन सकते हैं। इसकी वजह यह है कि सीबीआई की जांच में एसआईटी की इस मामले में की गई छानबीन कहीं न कहीं गलत साबित हो रही है।
प्रदेश हाईकोर्ट ने पहले ही अपने आदेशों में सख्त लहजे में एसआईटी के सभी सदस्यों को निर्देश दिए थे कि वह गुड़िया से दरिंदगी के बाद हत्या और लॉकअप में हुई सूरज की हत्या के मामले का विस्तृत ब्योरा दें। वहीं हाईकोर्ट ने एक अन्य शपथपत्र में यह भी घोषित करने को कहा था कि यह जानकारी सत्य पर आधारित होनी चाहिए।
यही वजह है कि सीबीआई ने भी इन शपथ पत्रों को जांच से संबंधित बताते हुए प्रदेश उच्च न्यायालय से उपलब्ध करवाने की गुहार लगाई है। मगर सीबीआई जांच में सामने आ रहे तथ्यों के आधार पर यह प्रतीत होता नजर आ रहा है कि कहीं न कहीं एसआईटी ने प्रदेश हाईकोर्ट में भी गलत जानकारी दी थी।
ऐसे में हाईकोर्ट चाहे तो वह इस मामले में शपथपत्र दायर करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई भी कर सकता है। हालांकि हाईकोर्ट में सीबीआई की तरफ से मामले की पैरवी कर रहे अंशुल भारद्वाज ने कहा कि इस मामले में उच्च न्यायालय अपने स्तर पर ही कार्रवाई करने का विशेषाधिकार है।