न्यूज डेस्क, अमर उजाला, शिमला
Updated Mon, 17 Sep 2018 10:27 AM IST
बस किराया बढ़ाने को लेकर एचआरटीसी और निजी बस ऑपरेटर आमने-सामने हो गए हैं। एक तरफ जहां निजी बस ऑपरेटर प्रदेश सरकार पर किराया बढ़ाने का दबाव बना रही है, वहीं प्रदेश परिवहन सर्व कर्मचारी यूनियन ने प्रदेश सरकार से किराया न बढ़ाने की बात कही है।
यूनियन ने निगम प्रबंधन को दो टूक शब्दों में कहा है कि किराया बढ़ाकर सरकार जनता पर बोझ न डाले। निजी बस ऑपरेटर सवारियों की होड़ में पहले ही एचआरटीसी से कम किराया ले रहे हैं।
हिमाचल परिवहन सर्व कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष चमन सिंह, प्रधान विद्या सागर, महासचिव खेमेंद्र गुप्ता और पदाधिकारी हितेंद्र कंवर, गोपाल लाल, लक्ष्मी दत्त और विजय श्याम ने कहा कि प्रदेश सरकार निजी बस मालिकों के दबाव में न आए।
प्रदेश में यात्री किराया बढ़ाया जाना किसी भी तरह से तर्कसंगत नहीं है। हिमाचल परिवहन सर्व कर्मचारी यूनियन का कहना है कि पहले निजी बस मालिक निर्धारित किराया लेना शुरू करें, उसके बाद किराया बढ़ाने की बात करें।
उन्होंने सरकार से निजी बस ऑपरेटरों को भी परिवहन निगम की तर्ज पर इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग मशीन दी जानी चाहिए जिससे निजी बस मालिक किराये में किसी प्रकार की असमानता पैदा न कर सकें और निजी बसों में भी यात्रियों के टिकट चेक करने की शक्ति एचआरटीसी के अधिकारियों को दी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि एचआरटीसी की बसों में किराया बढ़ाने की नहीं बल्कि ऑक्यूपेंसी बढ़ाने की आवश्यकता है। क्योंकि वर्तमान में एचआरटीसी की ऑक्यूपेंसी मात्र 55 प्रतिशत है, इसलिए एचआरटीसी इसी बस किराये पर सेवाएं देती रहेगी।
बस किराया बढ़ाने को लेकर एचआरटीसी और निजी बस ऑपरेटर आमने-सामने हो गए हैं। एक तरफ जहां निजी बस ऑपरेटर प्रदेश सरकार पर किराया बढ़ाने का दबाव बना रही है, वहीं प्रदेश परिवहन सर्व कर्मचारी यूनियन ने प्रदेश सरकार से किराया न बढ़ाने की बात कही है।
यूनियन ने निगम प्रबंधन को दो टूक शब्दों में कहा है कि किराया बढ़ाकर सरकार जनता पर बोझ न डाले। निजी बस ऑपरेटर सवारियों की होड़ में पहले ही एचआरटीसी से कम किराया ले रहे हैं।
हिमाचल परिवहन सर्व कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष चमन सिंह, प्रधान विद्या सागर, महासचिव खेमेंद्र गुप्ता और पदाधिकारी हितेंद्र कंवर, गोपाल लाल, लक्ष्मी दत्त और विजय श्याम ने कहा कि प्रदेश सरकार निजी बस मालिकों के दबाव में न आए।
प्रदेश में यात्री किराया बढ़ाया जाना किसी भी तरह से तर्कसंगत नहीं है। हिमाचल परिवहन सर्व कर्मचारी यूनियन का कहना है कि पहले निजी बस मालिक निर्धारित किराया लेना शुरू करें, उसके बाद किराया बढ़ाने की बात करें।
उन्होंने सरकार से निजी बस ऑपरेटरों को भी परिवहन निगम की तर्ज पर इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग मशीन दी जानी चाहिए जिससे निजी बस मालिक किराये में किसी प्रकार की असमानता पैदा न कर सकें और निजी बसों में भी यात्रियों के टिकट चेक करने की शक्ति एचआरटीसी के अधिकारियों को दी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि एचआरटीसी की बसों में किराया बढ़ाने की नहीं बल्कि ऑक्यूपेंसी बढ़ाने की आवश्यकता है। क्योंकि वर्तमान में एचआरटीसी की ऑक्यूपेंसी मात्र 55 प्रतिशत है, इसलिए एचआरटीसी इसी बस किराये पर सेवाएं देती रहेगी।