हिमाचल प्रदेश के मेडिकल कॉलेज नेरचौक के विशेषज्ञों के अनुसार जहरीली शराब का सेवन करने के बाद इसका प्रभाव रोकने के लिए तुरंत चिकित्सीय देखरेख की जरूरत होती है। जहरीली शराब पीने के बाद व्यक्ति की सांस धीमी पड़ने लगती है। उसे उलझन महसूस होने लगती है। साथ ही उल्टी भी होने लगती है। व्यक्ति की त्वचा का रंग नीला या पीला होने लगता है। शरीर का तापमान कम होने लगता है। साथ ही बेहोशी होने लगती है। ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत उस व्यक्ति को डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए।
अब सवाल उठता है कि जहरीली शराब की पहचान कैसे की जाए। प्राचार्य मेडिकल कॉलेज आरसी ठाकुर बताते हैं कि इथेनॉल के रूप में अल्कोहल शराब, माउथवॉश, कुछ दवाओं और कुछ घरेलू प्रोडक्ट्स में पाया जाता है। एथिल अल्कोहल से प्वाइजनिंग आम तौर पर कम समय में बहुत ज्यादा शराब पीने से होती है। कई तरह की शराब पीने से भी प्वाइजनिंग होने का खतरा बढ़ता है। 2 घंटे में 5 से ज्यादा तरह की शराब पीने से शरीर को काफी नुकसान पहुंच सकता है।
एक समय में कई तरह की शराब नहीं पीनी चाहिए। उपरोक्त लक्षण दिखने पर व्यक्ति को सोना नहीं चाहिए। इससे वह और ज्यादा अचेत अवस्था में चला जाता है। जब भी शराब पीएं अपनी उम्र के हिसाब से धीरे-धीरे पीएं। एक ही बार में ज्यादा शराब बुरी तरह से नुकसान पहुंचा सकती है। खाली पेट शराब न पीएं। सही तरह से पैक की हुई शराब ही खरीदें। शराब खरीदते वक्त ध्यान रखें कि बोतल सीलबंद हो। अगर घर में शराब रखें तो ध्यान दें कि उसका ढक्कन ठीक से बंद हो।
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हिमाचल प्रदेश के मेडिकल कॉलेज नेरचौक के विशेषज्ञों के अनुसार जहरीली शराब का सेवन करने के बाद इसका प्रभाव रोकने के लिए तुरंत चिकित्सीय देखरेख की जरूरत होती है। जहरीली शराब पीने के बाद व्यक्ति की सांस धीमी पड़ने लगती है। उसे उलझन महसूस होने लगती है। साथ ही उल्टी भी होने लगती है। व्यक्ति की त्वचा का रंग नीला या पीला होने लगता है। शरीर का तापमान कम होने लगता है। साथ ही बेहोशी होने लगती है। ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत उस व्यक्ति को डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए।
अब सवाल उठता है कि जहरीली शराब की पहचान कैसे की जाए। प्राचार्य मेडिकल कॉलेज आरसी ठाकुर बताते हैं कि इथेनॉल के रूप में अल्कोहल शराब, माउथवॉश, कुछ दवाओं और कुछ घरेलू प्रोडक्ट्स में पाया जाता है। एथिल अल्कोहल से प्वाइजनिंग आम तौर पर कम समय में बहुत ज्यादा शराब पीने से होती है। कई तरह की शराब पीने से भी प्वाइजनिंग होने का खतरा बढ़ता है। 2 घंटे में 5 से ज्यादा तरह की शराब पीने से शरीर को काफी नुकसान पहुंच सकता है।
एक समय में कई तरह की शराब नहीं पीनी चाहिए। उपरोक्त लक्षण दिखने पर व्यक्ति को सोना नहीं चाहिए। इससे वह और ज्यादा अचेत अवस्था में चला जाता है। जब भी शराब पीएं अपनी उम्र के हिसाब से धीरे-धीरे पीएं। एक ही बार में ज्यादा शराब बुरी तरह से नुकसान पहुंचा सकती है। खाली पेट शराब न पीएं। सही तरह से पैक की हुई शराब ही खरीदें। शराब खरीदते वक्त ध्यान रखें कि बोतल सीलबंद हो। अगर घर में शराब रखें तो ध्यान दें कि उसका ढक्कन ठीक से बंद हो।