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Gobind Sagar Accident Update: गोबिंद सागर हादसे की जांच के आदेश, झील किनारे जाने पर लगाया प्रतिबंध

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, ऊना Published by: Krishan Singh Updated Tue, 02 Aug 2022 07:50 PM IST
सार

गोबिंद सागर झील में पंजाब के सात युवकों की डूबने से मौत होने के बाद जिला प्रशासन जाग गया है। आनन-फानन में प्रशासन ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं। साथ ही झील के किनारे जाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।

ban on going to the banks of Gobind Sagar lake in Andrauli una, police will be deployed
गोबिंद सागर झील हादसा। - फोटो : संवाद

विस्तार
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हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में बंगाणा उपमंडल के तहत अंदरौली (कोलका) में गोबिंद सागर झील में पंजाब के सात युवकों की डूबने से मौत होने के बाद जिला प्रशासन जाग गया है। आनन-फानन में प्रशासन ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं। साथ ही झील के किनारे जाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। प्रशासन ने अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (एडीएम) ऊना को जांच का जिम्मा सौंपकर एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है। भविष्य में ऐसे हादसे रोकने के लिए भी एडीएम को उपाय सुझाने के लिए कहा है। उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने आपदा प्रबंधन कानून-2005 की धारा 33 और 34 के तहत आगामी आदेशों तक झील के किनारों पर किसी के भी जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। बरसात के मौसम में झील का जल स्तर बढ़ता है, इसलिए ये आदेश जारी किए गए हैं।




इन आदेशों की अनुपालना के लिए पुलिस अधीक्षक ऊना को पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात करने के आदेश दिए गए हैं। वहीं, आम जनता को प्रतिबंध के संबंध में जानकारी देने के लिए एसडीएम बंगाणा को सूचना पट्ट लगाने के निर्देश दिए हैं। उधर, उपायुक्त ने बताया कि हादसे की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। बता दें कि सोमवार दोपहर हिमाचल में धार्मिक स्थलों के दर्शन करने आए पंजाब मोहाली के बनूड़ के सात युवा गरीब नाथ मंदिर कोलका के पास गोबिंद सागर झील में डूब गए थे। नंगल से आई गोताखोर टीम ने सभी शव झील से बरामद कर लिए थे। 

गौरतलब है कि सोमवार को सावन के महीने में मंदिरों में दर्शन करने के लिए पंजाब से आए सात युवकों की गोबिंद सागर झील में डूबने से मौत हो गई थी। ये सभी झील में नहाने के लिए उतरे थे और तैरना नहीं जानते थे। झील की गहराई का अंदाजा न होने के कारण अचानक एक युवक डूबने लगा तो अन्य ने चेन बनाकर बचाने की कोशिश की। लेकिन देखते ही देखते सभी झील में डूब गए।  गोताखोरों ने झील से सातों के शव निकाल लिए हैं। ये सभी मोहाली जिला के बनूड़ के रहने वाले थे। 

पर्यटक गोबिंद सागर हादसे से बेखौफ 

बंगाणा उपमंडल के तहत अंदरौली (कोलका) में हुए हादसे के 24 घंटे बाद भी कोई बदलाव नहीं देखने को मिला। मंगलवार सुबह यहां पंजाब से आए कई श्रद्धालु झील में नहाते हुए दिखे। स्थानीय ग्रामीणों ने इन्हें समझाने का प्रयास भी किया, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं था। इस पर सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने इन्हें खदेड़ा। मंगलवार सुबह यहां पहले की तरह की काफी संख्या में पर्यटक जुट गए। दोपहर को यहां पंजाब से बाइक पर आ रहे श्रद्धालुओं ने झील में नहाना शुरू कर दिया। स्थानीय लोगों ने मौके पर पहुंच कर बीते सोमवार को हुए हादसे की जानकारी दी लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं था। इस पर पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सभी को खदेड़ा और झील किनारे पानी के पास न जाने की हिदायत दी। 

दोपहर बाद करीब 1:30 बजे संवाद टीम गरीब नाथ मंदिर कोलका पहुंची। यहां श्रद्धालुओं को झील किनारे रोकने के लिए दो पुलिस कर्मी तैनात रहे। झील के किनारे बोट दिखी लेकिन बोट में बैठे किसी भी सवार में जीवन रक्षक जैकेट नहीं पहनी थी। बोट चालक को जैकेट के बारे में पूछने पर जवाब मिला कि जैकेट की क्या जरूरत है। झील किनारे पंजाब के युवा लगातार पहुंचते रहे। झील के किनारे संवाद टीम ने देखा कि युवा बेखौफ टिल्लों में जाकर सेल्फी ले रहे हैं। इन युवाओं को हादसे की जानकारी देने पर जवाब मिला कि उन्हें सब पता है। टिल्ले पर जा रहे युवाओं की जरा सी लापरवाही हादसे का कारण बन सकती थी।

कुल मिलाकर धरातल पर हादसे के बाद कोई बदलाव देखने को नहीं मिला। मौके पर दो पुलिस कर्मी तैनात रहे। पुलिस कर्मियों की मानें तो एक टिल्ले पर पहुंचते हैं तो पर्यटक दूसरे टिल्ले पर पहुंच जाते हैं। एक साथ कई रास्ते होने से दिक्कतें पेश आ रही हैं।करीब 2:00 बजे बीहडू घाट में संवाद टीम पहुंची। यहां टीम ने पाया कि पर्यटक मौके पर कोई नहीं हैं लेकिन यहां भी बोट पर धड्डले से बिना जीवन रक्षक जैकेट पहने ही सफर हो रहा है। 
पुलिस को नियमित गश्त के निर्देश
पुलिस को नियमित गश्त करने के लिए कहा गया है। निगरानी को लेकर व्यवस्था बनाई जाएगी जिससे इस तरह के हादसों को रोका जा सके। बोट का संचालन पंचायत समिति करती है। इनके सही संचालन के प्रावधान को लेकर पत्राचार किया जा रहा है।-राघव शर्मा, उपायुक्त ऊना
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