हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के गगरेट क्षेत्र के संघनेई और दियोली गांव में कोई रात के अंधेरे में करीब 30 मरे हुए मुर्गे-मुर्गियों को सड़क किनारे खड्ड में फेंक गया। मरे हुए मुर्गे-मुर्गियों को देखकर लोगों में हड़कंप मच गया है। सूचना मिलने पर पशु पालन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। खड्ड में फेंके गए मरे मुर्गे और मुर्गियों को कुत्ते उठाकर इधर-उधर ले जा रहे थे। बताया जा रहा है कि मुर्गी पालन से जुड़े लोग पंजाब से मुर्गे और मुर्गियां लाते हैं।
इस दौरान कई मुर्गे मुर्गियां मर जाते हैं, उन्हें ऐसे ही फेंक दिया जाता है। ऊना में ये पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी इस तरह रातोंरात सड़क किनारे मरे हुए मुर्गे फेंकने के मामले आ चुके हैं। ऊना जिले में अभी तक बर्ड फ्लू का कोई भी पॉजिटिव मामला नहीं पाया गया है। उधर, पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. जय सिंह सेन ने बताया कि मरे मुर्गों के सैंपल लिए गए हैं। इन्हें आज जालंधर लैब भेजा जाएगा। एसओपी के अनुसार इन्हें दबा दिया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के गगरेट क्षेत्र के संघनेई और दियोली गांव में कोई रात के अंधेरे में करीब 30 मरे हुए मुर्गे-मुर्गियों को सड़क किनारे खड्ड में फेंक गया। मरे हुए मुर्गे-मुर्गियों को देखकर लोगों में हड़कंप मच गया है। सूचना मिलने पर पशु पालन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। खड्ड में फेंके गए मरे मुर्गे और मुर्गियों को कुत्ते उठाकर इधर-उधर ले जा रहे थे। बताया जा रहा है कि मुर्गी पालन से जुड़े लोग पंजाब से मुर्गे और मुर्गियां लाते हैं।
इस दौरान कई मुर्गे मुर्गियां मर जाते हैं, उन्हें ऐसे ही फेंक दिया जाता है। ऊना में ये पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी इस तरह रातोंरात सड़क किनारे मरे हुए मुर्गे फेंकने के मामले आ चुके हैं। ऊना जिले में अभी तक बर्ड फ्लू का कोई भी पॉजिटिव मामला नहीं पाया गया है। उधर, पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. जय सिंह सेन ने बताया कि मरे मुर्गों के सैंपल लिए गए हैं। इन्हें आज जालंधर लैब भेजा जाएगा। एसओपी के अनुसार इन्हें दबा दिया जाएगा।