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शिमला। भाजपा सरकार के कार्यकाल में 18 दिसंबर 2012 को हुई नगर निगम की सिंगल अंब्रेला कमेटी (एसयूसी) की अंतिम बैठक के बाद नवंबर माह की बैठक भी संदेह के घेरे में आ गई है। विवादित नक्शों को लेकर पार्षद सुशांत कपरेट और सुरेंद्र चौहान की ओर से मामला उठाने पर निगम आयुक्त अमरजीत सिंह ने यह खुलासा किया है। आयुक्त ने कहा कि मामले से जुड़ी प्रारंभिक जांच पूरी कर ली गई है। कई नक्शों में खामियां निकली हैं। इस दौरान पार्षदों ने सिंगल अंब्रेला कमेटी की ओर से स्वीकृत सभी मामलों में पुनर्विचार करने की मांग उठाई।
निगम सदन में पार्षदों ने कहा कि नगर निगम की सिंगल अंब्रेला कमेटी की बैठक में शहर के कोर और ग्रीन एरिया में मानकों को धता बताकर चार से छह मंजिला भवनों के पुनर्निर्माण की परमिशन देने का आरोप है। कुछ अधिकारियों की मिलीभगत के चलते नगर निगम का नाम खराब हो रहा है। ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। इस पर आयुक्त अमरजीत सिंह ने बताया दिसंबर की बैठक के अलावा नवंबर माह में ही बैठक के संदर्भ में भी शिकायतें प्राप्त हुई हैं। प्रारंभिक जांच में कई संदेहास्पद मामले सामने आए हैं। इस बाबत मुख्यमंत्री आफिस, शहरी विकास विभाग सहित महापौर के पास भी शिकायतें दी गई हैं। इस पर जांच करते हुए तीन दर्जन से अधिक मामलों का रिकार्ड खंगाला गया है। एसयूसी के स्वीकृत नक्शों में मिली खामियों की रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। दिसंबर की बैठक में टीसीपी विभाग से कोई भी अधिकारी बैठक में मौजूद नहीं था। यह भी जांच का विषय है।
शिमला। भाजपा सरकार के कार्यकाल में 18 दिसंबर 2012 को हुई नगर निगम की सिंगल अंब्रेला कमेटी (एसयूसी) की अंतिम बैठक के बाद नवंबर माह की बैठक भी संदेह के घेरे में आ गई है। विवादित नक्शों को लेकर पार्षद सुशांत कपरेट और सुरेंद्र चौहान की ओर से मामला उठाने पर निगम आयुक्त अमरजीत सिंह ने यह खुलासा किया है। आयुक्त ने कहा कि मामले से जुड़ी प्रारंभिक जांच पूरी कर ली गई है। कई नक्शों में खामियां निकली हैं। इस दौरान पार्षदों ने सिंगल अंब्रेला कमेटी की ओर से स्वीकृत सभी मामलों में पुनर्विचार करने की मांग उठाई।
निगम सदन में पार्षदों ने कहा कि नगर निगम की सिंगल अंब्रेला कमेटी की बैठक में शहर के कोर और ग्रीन एरिया में मानकों को धता बताकर चार से छह मंजिला भवनों के पुनर्निर्माण की परमिशन देने का आरोप है। कुछ अधिकारियों की मिलीभगत के चलते नगर निगम का नाम खराब हो रहा है। ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। इस पर आयुक्त अमरजीत सिंह ने बताया दिसंबर की बैठक के अलावा नवंबर माह में ही बैठक के संदर्भ में भी शिकायतें प्राप्त हुई हैं। प्रारंभिक जांच में कई संदेहास्पद मामले सामने आए हैं। इस बाबत मुख्यमंत्री आफिस, शहरी विकास विभाग सहित महापौर के पास भी शिकायतें दी गई हैं। इस पर जांच करते हुए तीन दर्जन से अधिक मामलों का रिकार्ड खंगाला गया है। एसयूसी के स्वीकृत नक्शों में मिली खामियों की रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। दिसंबर की बैठक में टीसीपी विभाग से कोई भी अधिकारी बैठक में मौजूद नहीं था। यह भी जांच का विषय है।