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RTH का विरोध: जयपुर में IMA ने निकाली रैली, 50 हजार डॉक्टर-मेडिकल स्टाफ ने किया पैदल मार्च

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जयपुर Published by: नीरज शर्मा Updated Mon, 27 Mar 2023 05:51 PM IST
सार

राजस्थान की राजधानी जयपुर में सोमवार को डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ ने सड़क पर पैदल मार्च किया। लेकिन अस्पतालों में मरीज ईलाज को परेशान होते रहे। आईएमए के आह्वान पर यह आक्रोश रैली निकाली गई।
 

Rajasthan: On IMA call 50 Thousand doctors,medical staff rally in Jaipur against RTH bill
RTH के विरोध में जयपुर में 50 हजार डॉक्टर-मेडिकल स्टाफ ने किया पैदल मार्च - फोटो : अमर उजाला डिजिटल

विस्तार

प्रदेश में राइट टू हेल्थ बिल (RTH) के विरोध में सोमवार को जयपुर में डॉक्टर्स ने बड़ा शक्ति प्रदर्शन करते हुए आक्रोश रैली निकाली। एसएमएस मेडिकल कॉलेज से शुरू हुआ मार्च गोखले हॉस्टल, सूचना केंद्र,टोंक रोड, महारानी कॉलेज, अशोक मार्ग, सी-स्कीम, राजपूत सभा भवन, पांच बत्ती, एमआई रोड, अजमेरी गेट, न्यू गेट, अल्बर्ट हॉल, होकर वापस मेडिकल कॉलेज पहुंचकर खत्म हुआ। डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ ने करीब 5 किलोमीटर पैदल मार्च कर आक्रोश रैली निकाली।




आईएमए का देशव्यापी बंद, मरीज हलकान

दूसरी तरफ आरटीएच बिल के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने देशव्यापी बंद का भी आह्वान रखा। जिसमें मेडिकल सर्विसेज बंद रखी गईं। सीएम अशोक गहलोत ने मुख्यसचिव, गृह विभाग और मेडिकल एंड हेल्थ डिपार्टमेंट की हाई लेवल मीटिंग भी बुलाई। इससे पहले रविवार को डॉक्टर्स के डेलिगेशन की मुख्य सचिव उषा शर्मा के साथ बैठक हुई, जो बेनतीजा रही। सचिवालय में हुई बैठक में डॉक्टर्स ने दो टूक कर दिया कि हमें बिल मंजूर नहीं है। 17 मिनट में ही बैठक खत्म हो गई। डॉक्टर्स बिल वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं। दूसरी ओर सरकार भी इसे प्रतिष्ठा का सवाल मान चुकी है। क्योंकि तमाम विरोध के बावजूद विधानसभा में बिल को पास करवाया गया। खुद चिकित्सा मंत्री परसादीलाल मीणा ने विधानसभा सदन में कहा था कि सरकार से रियासती दरों पर जमीन लेकर प्राइवेट अस्पताल चला रहे डॉक्टर्स और संचालकों को इस बिल के दायरे में लाया जाएगा। बिल लागू होकर ही रहेगा।

अस्पतालों और डॉक्टर्स पर सख्त कार्रवाई कर सकती है सरकार

डॉक्टर्स और सरकार के बीच राइट टू हेल्थ बिल को लेकर चल रहे इस घमासान का सबसे बड़ा नुकसान आम जनता और मरीजों को हो रहा है। लोगों को समय पर अस्पतालों में ईलाज नहीं मिल पा रहा है। प्राइवेट हॉस्पिटल्स में ऑपरेशन तक टाल दिए गए हैं। मरीजों को ट्रीटमेंट नहीं मिल पा रहा है और लोग अस्पतालों के दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो रहे हैं। डॉक्टर्स ने 29 मार्च को सामूहिक कार्य बहिष्कार की भी चेतावनी दे रखी है। प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों और उके जुड़े अस्पतालों के रेजीडेंट भी हड़ताल पर चल रहे हैं। पिछले 7 दिन से ज्यादा वक्त से रेजीडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल के कारण मरीजों की परेशानी बढ़ रही है। जयपुर जिले में 175 हॉस्पिटल संचालित हैं, जो इस हड़ताल से प्रभावित हो रहे हैं। प्रदेभर में छोटे-बड़े प्राइवेट अस्पतालों का आंकड़ा 1000 से ऊपर माना जा रहा है। सरकार हड़ताल से निपटने के लिए कड़े एक्शन लेने पर विचार कर रही है। जिसमें प्राइवेट अस्पतालों को दी गई रियायती जमीन का आवंटन निरस्त करने का अधिकार सरकार के पास है। बिना अप्रूवल बनी अस्पताल बिल्डिंगों, फायर फाइटिंग की एनओसी और सुविधा के बिना चल रहे अस्पतालों को  सील किया जा सकता है। अस्पतालों में अवैध निर्माण को तोड़ा जा सकता है। यूडी टैक्स की कॉमर्शियल रेट्स वसूल की जा सकती हैं। रेस्मा एक्ट लागू कर अनिवार्य सेवाओं को बहाल किया जा सकता है।
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