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NEET: एक कप चाय ने तोड़ा डॉक्टर बनने का सपना, 99% मार्क्स वाली बेटी को न्याय का इंतजार, जानें क्या है मामला

न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, जयपुर Published by: उदित दीक्षित Updated Thu, 08 Jun 2023 07:25 AM IST
सार

NEET की परीक्षा दे रही राजस्थान की एक होनहार बेटी के साथ एग्जाम हॉल में कुछ ऐसा हुआ जो उसने कभी सोचा भी नहीं था। इससे उसके डॉक्टर बनने का सपना भी टूटता नजर आ रहा है। कई दिन बाद भी छात्रा उस सदमे से उबर नहीं पाई है, अब उसने न्याय के लिए राजस्थान हाईकोर्ट में गुहार लगाई है।

Rajasthan News: NEET Student Disha Sharma is seeking For Justice Know Full Details in Hindi
जयपुर की दिशा शर्मा। - फोटो : अमर उजाला

विस्तार
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जयपुर के बस्सी कस्बे की 18 साल की नीट स्टूडेंट दिशा शर्मा का डॉक्टर बनने का सपना परीक्षक की एक गलती के कारण अधूरा रह गया। पेपर के दौरान ऑब्जर्वर के हाथ से चाय का कप छूटकर दिशा की ओएमआर शीट पर गिर गया। इस गर्म चाय ने उसके डॉक्टर बनने के सपने को ही झुलसा दिया। पीड़ित दिशा ने तमाम गुहार लगाई, लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी। आखिरकार अब दिशा ने राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर कर इंसाफ देने की मांग की है।



पिछले दो साल से डॉक्टर बनने का सपना संजोए नीट एक्जाम की तैयारी कर रही बस्सी की दिशा शर्मा की मेहनत पर चाय फिर गई। जिसने प्रश्नों के उत्तर वाली उनकी ओएमआर शीट को ही दागी बना दिया। रोज़ाना घंटों की पढ़ाई और परीक्षा की तैयारी पल भर में उसकी आंखों के आगे ही धुलकर साफ हो गई। 


यूं टूटा डॉक्टर बनने का सपना
नीट की परीक्षा 7 मई 2023 को हुई थी। दिशा का एक्जाम सेंटर जयपुर के रामनगरिया इलाके में विवेक टैक्नो स्कूल में आया और दोपहर 2 बजे से इम्तिहान शुरू हुई। लगभग डेढ़ घंटा गुजरने के बाद पेपर सॉल्व कर OMR शीट में जवाब भरते वक्त अचानक दिशा को अपने हाथ और ओएमआर शीट पर चाय गिरी हुई दिखी। परीक्षा में आए इनविजिलेटर चाय की चुस्कियां लेते- लेते ही परीक्षा कक्ष में राउंड लगाकर निरीक्षण कर रहे थे। जिनके हाथ से चाय से भरा कप छूटकर गिर गया। जिससे दिशा शर्मा के हाथ, उसकी ओएमआर शीट और टेबल पर चाय गिर गई।

चाय गिराकार इनविजिलेटर परीक्षा रूम से बाहर निकल लिए। हड़बड़ाहट में दिशा अपने मास्क से ही धीरे-धीरे ओएमआर शीट पर गिरी चाय को साफ करने लगी। इस दौरान ओएमआर शीट के कुछ जवाब भी मिट गए और चाय के दाग के कारण ओएमआर शीट खराब हो गई। इसके कुछ देर बाद इनविजिलेटर हाथ में कहीं से एक कपड़ा लेकर परीक्षा कक्ष में लौटे और ओएमआर शीट साफ करने को कहा। इनविजिलेटर ने दिशा को कहा- ज्यादा कुछ नहीं हुआ है। तुम अपना पेपर कंप्लीट कर लो। इस सब में काफी समय खराब हो गया, जिससे कई प्रश्नों के जवाब भी छूट गए। समय खत्म होने पर एक्स्ट्रा टाइम भी नहीं दिया गया।

17 सवाल छूट गए-दिशा
दिशा शर्मा ने बताया कि मैंने एक्जाम सेंटर पर इन्विजिलेटर को जब कहा कि मेरा परीक्षा का काफी समय चाय गिरने के कारण खराब हो गया, तो उन्होंने ये विश्वास दिलाया कि तुम्हें एक्स्ट्रा टाइम दे देंगे।  पेपर सॉल्व करने में दोबारा से जुटी तो कुछ ही देरी में परीक्षा का टाइम खत्म हो गया और बेल बज गई। दिशा का कैमेस्ट्री का पेपर करीब 33 प्रतिशत तक सॉल्व होने से रह गया। दिशा ने बताया कि  इनविजिलेटर से केवल 5 मिनट का एक्स्ट्रा टाइम मांगा, लेकिन उन्होंने मुझसे ओएमआर शीट छीन ली। मेरे 17 सवाल छूट गए, वो सब मुझे आते थे। लेकिन मैं चाहकर भी कंप्लीट नहीं कर सकी।

प्रिंसिपल ने आधे घंटे बैठाए रखा, फिर जाने को बोल दिया
दिशा ने बताया कि एक्जाम खत्म होने के बाद जब मैं प्रिंसिपल के पास शिकायत लेकर पहुंची और पूरी घटना बताई, तो प्रिंसिपल ने मुझे अपने रूम में आधे घंटे बैठाए रखा और फिर चले जाने को बोल दिया।  प्रिंसिपल ने इसलिए रोका, ताकि हल्ला नहीं मचे और बाकी स्टूडेंट्स और पेरेंट्स चले जाएं। फिर मैं अकेली पड़ गई और रोती रोती घर पहुंची।
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प्रिंसिपल बोली- बात क्यों बढ़ा रहे हो, यहीं रफा-दफा करो, हम खर्चा दे देंगे
दिशा शर्मा की माता जी राजेश्वरी शर्मा ने बताया परीक्षा वाले रोज दिशा काफी देर तक एक्जाम सेंटर से बाहर नहीं आई, तो हमें चिंता हो गई।  बाकी के सारे स्टूडेंट्स एग्जाम सेंटर से जा चुके थे। काफी देर के इंतजार के बाद जब दिशा रुआंसी होकर एग्जाम सेंटर से बाहर निकलती हुई दिखाई दी। तो मैं उसका चेहरा देखकर ही समझ गई थी कि कुछ न कुछ गलत हुआ है। आते ही पूछा क्या बात हुई। वो उसने सारी आपबीती बताई और मुझसे लिपटकर रोने लगी। उसके नीट एग्जाम क्लीयर करने की पूरी उम्मीद थी। मां राजेश्वरी शर्मा ने बताया कि जब हमने स्कूल मैनेजमेंट से बात की, तो उन्होंने सुनवाई नहीं की। फिर पुलिस को इन्फॉर्म कर बुलाया। 

पुलिस के आने के बाद भी दिशा के पिता को स्कूल ने एंट्री नहीं दी।  मुझे और दिशा को ही अंदर बुलाया और मोबाइल फोन भी बाहर ही रखवा लिया गया। फिर प्रिंसिपल मैडम ने दूर से ओएमआर शीट दिखाकर कहा- ओएमआर शीट सही है। इसे कुछ नहीं हुआ है। देख लो और आप यहां से जाओ। जब मैंने लिखित में प्रिंसिपल से पूरी घटना लिखकर देने की मांग की, तो प्रिंसिपल बोली- बात को क्यों बढ़ा रहे हो। इसे यहीं रफा-दफा कर दो। मैं बच्ची के सालभर का पूरा खर्चा दे दूंगी। उसके बाद हम रामनगरिया थाने गए, लेकिन वहां पर भी हमारी कोई सुनवाई नहीं हुई। उसके बाद हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी है। दिशा का पूरा साल खराब हो गया । उसे डॉक्टर को दिखाना पड़ा और नींद की गोलियां देनी पड़ी। 

हाईकोर्ट में 4 जुलाई को सुनवाई, प्रिंसिपल को किया तलब
दिशा और उसके परिजनों की कहीं सुनवाई नहीं होने पर उन्होंने  एडवोकेट अधिवक्ता रघुनंदन शर्मा की मदद से हाईकोर्ट में याचिका लगाई की। जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस अनिल उपमन की डिविजनल बेंच ने पूरे मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए एनटीए से दिशा की ऑरिजनल ओएमआर शीट और पूरा रिकॉर्ड तलब किया है।  परीक्षा सेंटर से लेकर क्लास रूम तक के सीसीटीवी फुटेज के साथ स्कूल प्रिंसिपल को 4 जुलाई को कोर्ट में उपस्थित रहने के आदेश दिए हैं।

हमें विश्वास था कि वो एग्जाम क्रैक करेगी
दिशा शर्मा के पिता नवीन शर्मा की बस्सी में प्लास्टिक मोल्डिंग की छोटी फैक्ट्री है। उन्होंने बताया कि दिशा और हम सबको विश्वास था कि वो एग्जाम क्रैक कर सलेक्ट हो जाएगी। दिशा साइंस में इतनी होशियार थी कि 10वीं और 12वीं दोनों बोर्ड परीक्षाओं में वह 100 परसेंट मार्क्स लाई थी। नीट परीक्षा क्लीयर करने के लिए उसने 17 घंटे रोजाना तक पढ़ाई की। लेकिन नीट में सारी मेहनत पर चाय फिर गई। घटना से बच्ची और हमारा पूरा परिवार सदमे है। हमारी इतनी इनकम नहीं है कि बेटी को प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में पढ़ा सकें। विवेक टेक्नो स्कूल की प्रिंसिपल इंदिरा सिंह से कोई संपर्क नहीं हो पाया।

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