न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोटा
Published by: Tanuja Yadav
Updated Sat, 12 Dec 2020 10:17 AM IST
राजस्थान के कोटा में जेके लोन में अस्पताल एक ही रात में नौ बच्चों की मौत होने के बाद अब राज्य सरकार एक्शन में आई है। दो दिन से विपक्षी पार्टी भाजपा लगातार कांग्रेस को घेर रही है। वहीं चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा ने बच्चों की मौत के मामलों की जांच के लिए चिकित्सा शिक्षा आयुक्त के नेतृत्व में चार सदस्यों की कमिटी कोटा भेजी है।
तीन दिन में मांगी रिपोर्ट
ये कमिटी कोटा जाकर बच्चों की मौत के प्रत्येक प्रकरण की जांच करेगी। चिकित्सा मंत्री ने कमिटी को तीन दिन में रिपोर्ट देने के लिए कहा है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने बच्चों की मौत की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। पूनिया ने ट्वीट कर कहा कि सरकार अब तो जागो, नहीं तो भागो।
लापरवाही के चलते हुई बच्चों की मौत
शुरुआती जानकारी में सामने आया है कि बच्चों की मौत इसलिए हुई है क्योंकि अस्पताल के कई महत्वपूर्ण उपकरण लंबे समय से खराब हैं। आईसीयू में ईसीजी मशीन काम नहीं कर रही है, नियोनेटल इंटेसिव केयर यूनिट में एक वार्मर पर दो-दो नवजात बच्चे थे।रात्रि के लिए जिन डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई जाती थी, वो अस्पताल में मौजूद नहीं होते थे और उनके बदले वहां वॉर्ड के लड़के होते थे।
इसी अस्पताल में 107 बच्चों की हुई थी मौत
बता दें कि पिछले साल इसी अस्पताल में 35 दिन में 107 बच्चों की मौत हो गई थी। तब चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने सुधार के कई दावे किए थे लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और बयां करती है। वहीं विधायक वासुदेव देवनानी ने चिकित्सा मंत्री पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा मंत्री को नौ बच्चों की मौत होना आम बात लगता है।
वासुदेव देवनानी ने कहा कि रघु शर्मा ने ऐसा कौन-सा राजनैतिक चश्मा पहन रखा है जो उन्हें इतनी अव्यवस्थाओं से हुई मौत के मामले भी उन्हें आम बात लग रही है।
राजस्थान के कोटा में जेके लोन में अस्पताल एक ही रात में नौ बच्चों की मौत होने के बाद अब राज्य सरकार एक्शन में आई है। दो दिन से विपक्षी पार्टी भाजपा लगातार कांग्रेस को घेर रही है। वहीं चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा ने बच्चों की मौत के मामलों की जांच के लिए चिकित्सा शिक्षा आयुक्त के नेतृत्व में चार सदस्यों की कमिटी कोटा भेजी है।
तीन दिन में मांगी रिपोर्ट
ये कमिटी कोटा जाकर बच्चों की मौत के प्रत्येक प्रकरण की जांच करेगी। चिकित्सा मंत्री ने कमिटी को तीन दिन में रिपोर्ट देने के लिए कहा है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने बच्चों की मौत की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। पूनिया ने ट्वीट कर कहा कि सरकार अब तो जागो, नहीं तो भागो।
लापरवाही के चलते हुई बच्चों की मौत
शुरुआती जानकारी में सामने आया है कि बच्चों की मौत इसलिए हुई है क्योंकि अस्पताल के कई महत्वपूर्ण उपकरण लंबे समय से खराब हैं। आईसीयू में ईसीजी मशीन काम नहीं कर रही है, नियोनेटल इंटेसिव केयर यूनिट में एक वार्मर पर दो-दो नवजात बच्चे थे।रात्रि के लिए जिन डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई जाती थी, वो अस्पताल में मौजूद नहीं होते थे और उनके बदले वहां वॉर्ड के लड़के होते थे।
इसी अस्पताल में 107 बच्चों की हुई थी मौत
बता दें कि पिछले साल इसी अस्पताल में 35 दिन में 107 बच्चों की मौत हो गई थी। तब चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने सुधार के कई दावे किए थे लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और बयां करती है। वहीं विधायक वासुदेव देवनानी ने चिकित्सा मंत्री पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा मंत्री को नौ बच्चों की मौत होना आम बात लगता है।
वासुदेव देवनानी ने कहा कि रघु शर्मा ने ऐसा कौन-सा राजनैतिक चश्मा पहन रखा है जो उन्हें इतनी अव्यवस्थाओं से हुई मौत के मामले भी उन्हें आम बात लग रही है।