अजमेर में रविवार की रात मूसलाधार बारिश हुई। बारिश से शहर की सड़कों पर पानी भर गया। जिससे राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ा। दूसरी ओर बारिश गरीबों के लिए आफत साबित हुई।
शहर में प्री मानसून की बारिश ने शहर के निचले स्थानों पर रहने वाले गरीब परिवारों पर संकट खड़ा कर दिया। आम दिनों में मूलभूत सुविधाओं से जुझते गरीब परिवार के लोगों पर बारिश आफत बनकर टूटी। रविवार रात अचानक हुई तेज बारिश से गरीबों की झोपड़ियां तबाह हो गई। उनके घरों में रखा राशन पानी भी बारिश की भेंट चढ़ गया। जिससे उनके सामने संकट खड़ा हो गया।
शहर के वैशाली नगर वार्ड 55 की गुर्जरी की डांग में झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले गरीब परिवार के लोगों को बारिश के चलते काफी नुकसान उठाना पड़ा है। बारिश के चलते इनके घरों में पानी भर गया तो वहीं दूसरी ओर हवा में इनकी झोपड़िया उड़ गई। ऐसे में इनके सामने रहने खाने का संकट खड़ा हो गया है। झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले परिवारों ने बताया कि घरों में रखे कपड़े और राशन की सामग्री पूरी तरीके से भीग गई है लेकिन कोई भी जनप्रतिनिधि उनकी सुध लेने नहीं आया। उन्होंने कहा कि जब चुनाव का समय आता है तो जनप्रतिनिधि बड़ी-बड़ी बातें करके वोट मांगते हैं लेकिन अब अंधेरी झोपड़ी में रहने वाले परिवारों की कोई सुध नहीं ले रहा है। बारिश के चलते अब ऐसे परिवारों पर रहने और खाने का संकट खड़ा हो गया है ।
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अजमेर में रविवार की रात मूसलाधार बारिश हुई। बारिश से शहर की सड़कों पर पानी भर गया। जिससे राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ा। दूसरी ओर बारिश गरीबों के लिए आफत साबित हुई।
शहर में प्री मानसून की बारिश ने शहर के निचले स्थानों पर रहने वाले गरीब परिवारों पर संकट खड़ा कर दिया। आम दिनों में मूलभूत सुविधाओं से जुझते गरीब परिवार के लोगों पर बारिश आफत बनकर टूटी। रविवार रात अचानक हुई तेज बारिश से गरीबों की झोपड़ियां तबाह हो गई। उनके घरों में रखा राशन पानी भी बारिश की भेंट चढ़ गया। जिससे उनके सामने संकट खड़ा हो गया।
शहर के वैशाली नगर वार्ड 55 की गुर्जरी की डांग में झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले गरीब परिवार के लोगों को बारिश के चलते काफी नुकसान उठाना पड़ा है। बारिश के चलते इनके घरों में पानी भर गया तो वहीं दूसरी ओर हवा में इनकी झोपड़िया उड़ गई। ऐसे में इनके सामने रहने खाने का संकट खड़ा हो गया है। झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले परिवारों ने बताया कि घरों में रखे कपड़े और राशन की सामग्री पूरी तरीके से भीग गई है लेकिन कोई भी जनप्रतिनिधि उनकी सुध लेने नहीं आया। उन्होंने कहा कि जब चुनाव का समय आता है तो जनप्रतिनिधि बड़ी-बड़ी बातें करके वोट मांगते हैं लेकिन अब अंधेरी झोपड़ी में रहने वाले परिवारों की कोई सुध नहीं ले रहा है। बारिश के चलते अब ऐसे परिवारों पर रहने और खाने का संकट खड़ा हो गया है ।