न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जयपुर
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Sun, 16 Aug 2020 08:33 PM IST
राजस्थान में सचिन पायलट की पार्टी में वापसी और विधानसभा में बहुमत साबित करने के बाद प्रदेश कांग्रेस में फेरबदल का दौर शुरू हो गया है। पार्टी ने अविनाश पांडेय की जगह अजय माकन को तत्काल प्रभाव से प्रभारी महासचिव नियुक्त कर दिया है।
माना जा रहा है कि यह फैसला सचिन पायलट के उन मुद्दों को देखते हुए लिया गया है जो उन्होंने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी से मुलाकात के दौरान उठाए थे। इस दौरान उन्होंने पायलट की शिकायतें निपटाने का आश्वासन दिया था।
गठित की गई तीन सदस्यीय समिति
इसके साथ ही कांग्रेस ने उस तीन सदस्यीय समिति का गठन भी कर दिया है जिसका आश्वासन पार्टी ने सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों को दिया था। इस समिति में पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, केसी वेणुगोपाल और अजय माकन शामिल किए गए हैं।
बता दें कि कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व ने राज्य में सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच चल रहे विवादों को निपटाने के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित करने का फैसला किया था। पार्टी के इस निर्णय का पायलट और गहलोत, दोनों ने ही स्वागत किया था।
बता दें कि राजस्थान में करीब एक महीने तक चले राजनीतिक संकट के बाद विधानसभा सत्र से ठीक पहले सचिन पायलट ने अपने साथी विधायकों के साथ पार्टी में वापसी कर दी थी। 14 अगस्त को हुए सत्र में अशोक गहलोत सरकार ने ध्वनिमत से विश्वास प्रस्ताव जीता था।
विस्तार
राजस्थान में सचिन पायलट की पार्टी में वापसी और विधानसभा में बहुमत साबित करने के बाद प्रदेश कांग्रेस में फेरबदल का दौर शुरू हो गया है। पार्टी ने अविनाश पांडेय की जगह अजय माकन को तत्काल प्रभाव से प्रभारी महासचिव नियुक्त कर दिया है।
माना जा रहा है कि यह फैसला सचिन पायलट के उन मुद्दों को देखते हुए लिया गया है जो उन्होंने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी से मुलाकात के दौरान उठाए थे। इस दौरान उन्होंने पायलट की शिकायतें निपटाने का आश्वासन दिया था।
गठित की गई तीन सदस्यीय समिति
इसके साथ ही कांग्रेस ने उस तीन सदस्यीय समिति का गठन भी कर दिया है जिसका आश्वासन पार्टी ने सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों को दिया था। इस समिति में पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, केसी वेणुगोपाल और अजय माकन शामिल किए गए हैं।
बता दें कि कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व ने राज्य में सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच चल रहे विवादों को निपटाने के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित करने का फैसला किया था। पार्टी के इस निर्णय का पायलट और गहलोत, दोनों ने ही स्वागत किया था।
बता दें कि राजस्थान में करीब एक महीने तक चले राजनीतिक संकट के बाद विधानसभा सत्र से ठीक पहले सचिन पायलट ने अपने साथी विधायकों के साथ पार्टी में वापसी कर दी थी। 14 अगस्त को हुए सत्र में अशोक गहलोत सरकार ने ध्वनिमत से विश्वास प्रस्ताव जीता था।