आरक्षण की मांग को लेकर सैनी समाज ने आगरा जयपुर हाईवे पर जाम लगा दिया है। आंदोलन स्थल पर कुशवाहा, शाक्य, मौर्य, सैनी, और माली समाज के लोग मौजूद हैं, जो 12 फीसदी आरक्षण की मांग कर रहे हैं। शांति व्यवस्था रखने के लिए नदबई, वैर भुसावर और उच्चैन तहसीलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। इंटरनेट 13 जून सुबह 11 बजे से 14 जून सुबह 11 बजे तक बंद रहेगा।
राजस्थान फुले आरक्षण संघर्ष समिति के तत्वाधान में रविवार को कुशवाहा, शाक्य, मौर्य, सैनी, माली समाज के लोगों ने आगरा-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग 21 पर गांव अरौदा के समीप महापड़ाव डाला था। संघर्ष समिति ने कहा था कि अगर सरकार की तरफ से कोई जनप्रतिनिधि नहीं आता है तो संघर्ष समिति के सदस्य नेशनल हाईवे पर चक्का जाम करेंगे। इसके बाद उन्होंने अरौदा गांव के समीप चक्का जाम किया है।
महापड़ाव के संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष मुरारीलाल सैनी के अनुसार पिछले छह साल से ओबीसी की इन जातियों के आरक्षण वर्गीकरण और उन्हें उनका हक दिलाने की मांग हो रही है। इन्हें इनका पूरा हक नहीं मिल पा रहा है और ना ही राजकीय सेवाओं और राजनीति में पूर्ण भागीदारी है। ये सभी जातियों का मुख्य कार्य पशुपालन है। अर्थिक, शैक्षणिक, राजनीतिक स्तर पर पिछड़े होने के बात भी सामने आई है। हमें 12 फीसदी आरक्षण मिलना चाहिए क्योंकि राजस्थान प्रदेश में इन जातियों की संख्या लगभग डेढ़ करोड़ के आसपास है।

वहीं आंदोलन स्थल पर जुटे लोग जल्दी मानने के मूड में नहीं है। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार का कोई जनप्रतिनिधि नहीं आता है वो मौके पर से नहीं हटेंगे। उन्होंने अपने खाने-पीने के इंतजाम कर लिए हैं। कहा जा रहा है कि न्यामदपुरा गांव से दिन का खाना और बहरवली गांव से रात में 10 हजार खाने के पॉकेट की व्यवस्था की गई है। आगरा से जयपुर राज्य मार्ग पर पुलिस ने गांव से ट्रैफिक डाइवर्ट किया है।
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आरक्षण की मांग को लेकर सैनी समाज ने आगरा जयपुर हाईवे पर जाम लगा दिया है। आंदोलन स्थल पर कुशवाहा, शाक्य, मौर्य, सैनी, और माली समाज के लोग मौजूद हैं, जो 12 फीसदी आरक्षण की मांग कर रहे हैं। शांति व्यवस्था रखने के लिए नदबई, वैर भुसावर और उच्चैन तहसीलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। इंटरनेट 13 जून सुबह 11 बजे से 14 जून सुबह 11 बजे तक बंद रहेगा।
राजस्थान फुले आरक्षण संघर्ष समिति के तत्वाधान में रविवार को कुशवाहा, शाक्य, मौर्य, सैनी, माली समाज के लोगों ने आगरा-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग 21 पर गांव अरौदा के समीप महापड़ाव डाला था। संघर्ष समिति ने कहा था कि अगर सरकार की तरफ से कोई जनप्रतिनिधि नहीं आता है तो संघर्ष समिति के सदस्य नेशनल हाईवे पर चक्का जाम करेंगे। इसके बाद उन्होंने अरौदा गांव के समीप चक्का जाम किया है।
महापड़ाव के संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष मुरारीलाल सैनी के अनुसार पिछले छह साल से ओबीसी की इन जातियों के आरक्षण वर्गीकरण और उन्हें उनका हक दिलाने की मांग हो रही है। इन्हें इनका पूरा हक नहीं मिल पा रहा है और ना ही राजकीय सेवाओं और राजनीति में पूर्ण भागीदारी है। ये सभी जातियों का मुख्य कार्य पशुपालन है। अर्थिक, शैक्षणिक, राजनीतिक स्तर पर पिछड़े होने के बात भी सामने आई है। हमें 12 फीसदी आरक्षण मिलना चाहिए क्योंकि राजस्थान प्रदेश में इन जातियों की संख्या लगभग डेढ़ करोड़ के आसपास है।
वहीं आंदोलन स्थल पर जुटे लोग जल्दी मानने के मूड में नहीं है। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार का कोई जनप्रतिनिधि नहीं आता है वो मौके पर से नहीं हटेंगे। उन्होंने अपने खाने-पीने के इंतजाम कर लिए हैं। कहा जा रहा है कि न्यामदपुरा गांव से दिन का खाना और बहरवली गांव से रात में 10 हजार खाने के पॉकेट की व्यवस्था की गई है। आगरा से जयपुर राज्य मार्ग पर पुलिस ने गांव से ट्रैफिक डाइवर्ट किया है।