पटियाला। मालवा क्षेत्र के जाने-माने राजिंदरा अस्पताल में इन दिनों सांस और बुखार के मरीजों की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है। धान का सीजन और मौसम में बदलाव के कारण जहां सांस के रोगियों की बीमारी ज्यादा बढ़ गई है, वहीं वायरल फीवर भी तेजी से फैल रहा है। ऐसे में राजिंदरा अस्पताल प्रशासन के लिए सुविधाओं की कमी के चलते मरीजों को उचित इलाज देना मुश्किल हो रहा है।
इन दिनों धान का सीजन है। खेतों में कंबाइनों से फसलों की कटाई और मंडियों में धान की साफ-सफाई के चलते धूल, मिट्टी और प्रदूषण काफी हो रहा है। ऊपर से इन दिनों मौसम भी बदल रहा है। डाक्टरों के मुताबिक इन दोनों कारणों के चलते सांस के मरीजों की बीमारी इन दिनों काफी बढ़ जाती है। अकसर मरीजों को सांस लेने में काफी तकलीफ हो जाती है। ऐसे में अगर सांस के मरीजों को तुरंत इलाज न मुहैया कराया जाए, तो उनकी मौत हो सकती है।
मौसम बदलने की वजह से वायरल फीवर के केस भी बढ़ गए हैं। आम दिनों में जहां सांस की बीमारी व बुखार के रोजाना चार-पांच केस ही आते थे, वहीं इन दिनों राजिंदरा अस्पताल में रोजाना 30 से 40 मरीज पहुंच रहे हैं। इनमें बाहर के जिलों से मरीज भी आ रहे हैं। यह गंभीर मरीज अस्पताल की इमरजेंसी में आ रहे हैं, जिन्हें आगे मेडिसिन विभाग के वार्ड नंबर एक में शिफ्ट किया जा रहा है।
हर बेड पर दो-दो मरीज
मरीजों की ज्यादा संख्या होने के चलते वार्ड नंबर एक में बेड कम पड़ रहे हैं। जिससे एक बेड पर दो-दो मरीजों को रखा जा रहा है। इससे मरीजों को काफी परेशानी हो रही है।
पटियाला। मालवा क्षेत्र के जाने-माने राजिंदरा अस्पताल में इन दिनों सांस और बुखार के मरीजों की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है। धान का सीजन और मौसम में बदलाव के कारण जहां सांस के रोगियों की बीमारी ज्यादा बढ़ गई है, वहीं वायरल फीवर भी तेजी से फैल रहा है। ऐसे में राजिंदरा अस्पताल प्रशासन के लिए सुविधाओं की कमी के चलते मरीजों को उचित इलाज देना मुश्किल हो रहा है।
इन दिनों धान का सीजन है। खेतों में कंबाइनों से फसलों की कटाई और मंडियों में धान की साफ-सफाई के चलते धूल, मिट्टी और प्रदूषण काफी हो रहा है। ऊपर से इन दिनों मौसम भी बदल रहा है। डाक्टरों के मुताबिक इन दोनों कारणों के चलते सांस के मरीजों की बीमारी इन दिनों काफी बढ़ जाती है। अकसर मरीजों को सांस लेने में काफी तकलीफ हो जाती है। ऐसे में अगर सांस के मरीजों को तुरंत इलाज न मुहैया कराया जाए, तो उनकी मौत हो सकती है।
मौसम बदलने की वजह से वायरल फीवर के केस भी बढ़ गए हैं। आम दिनों में जहां सांस की बीमारी व बुखार के रोजाना चार-पांच केस ही आते थे, वहीं इन दिनों राजिंदरा अस्पताल में रोजाना 30 से 40 मरीज पहुंच रहे हैं। इनमें बाहर के जिलों से मरीज भी आ रहे हैं। यह गंभीर मरीज अस्पताल की इमरजेंसी में आ रहे हैं, जिन्हें आगे मेडिसिन विभाग के वार्ड नंबर एक में शिफ्ट किया जा रहा है।
हर बेड पर दो-दो मरीज
मरीजों की ज्यादा संख्या होने के चलते वार्ड नंबर एक में बेड कम पड़ रहे हैं। जिससे एक बेड पर दो-दो मरीजों को रखा जा रहा है। इससे मरीजों को काफी परेशानी हो रही है।