पठानकोट। वन-वे ट्रैफिक को लेकर स्थानीय कोर्ट ने डीसी और एसएसपी पठानकोट को तलब कर लिया है। सिविल जज सीनियर डिवीजन रणधीर वर्मा की अदालत ने राष्ट्रीय सेवक समाज के प्रधान कुलभूषण मन्हास और उप प्रधान राजदीप सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए डीसी और एसएसपी को 29 जनवरी को कोर्ट में पेश होने के आदेश जारी किए हैं।
याचिकाकर्ताओं ने बताया कि शहर में शाहपुर चौक से गांधी चौक तक वन-वे ट्रैफिक लागू करने से मनवाल, खानपुर और गोसाईपुर समेत करीब 100 गांवों के लोग प्रभावित हो रहे हैं। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि इन गांवों के लोग रोजाना शहर में गांधी चौक में खरीददारी और अन्य काम के लिए आते हैं, लेकिन उनके चौपहिया वाहनों को यहां घुसने नहीं दिया जाता। उन्होंने कहा कि दोपहिया वाहनों के लिए बनी सड़क पर बड़े वाहनों के आने से जाम की स्थिति बन जाती है। इसलिए वन-वे लागू होने से शाहपुर चौक से आधा किलोमीटर से कम होने के बावजूद लोगों को वाया डिफेंड रोड 20 किलोमीटर अतिरिक्त सफर तय करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से शाहपुर चौक से गांधी चौक तक लागू किया वन-वे ट्रैफिक मानवाधिकारों के खिलाफ और असंवैधानिक है। उन्होंने आरोप लगाया कि वन-वे ट्रैफिक को लेकर लोगों खासकर चौपहिया वाहन चालकों को बैरिकेड लगाकर रोका जाता है और उन्हें प्रताड़ित किया जाता है। उन्होंने कहा कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पूर्व में गुरदासपुर के डीसी को सड़क के किनारे अवैध कब्जे हटाने के आदेश किए हैं जो ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारु रुप से चलाने में बाधक बने हैं। याचिकाकर्ताओं का दावा है कि अवैध कब्जे हटाने से सड़क पर जाम की समस्या खत्म हो जाएगी। उन्होंने याचिका में सवाल उठाते हुए कहा कि प्रशासन की ओर से वाहनों के लिए किसी भी प्रकार की पार्किंग का इंतजाम क्यों नहीं किया गया है। यह ट्रैफिक में व्यवधान बनते हैं। याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने डीसी, एसएसपी और नगर निगम आयुक्त को 29 जनवरी तक इस मामले में अपना जवाब दाखिल करने के लिए आदेश जारी किए हैं। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि प्रशासन अवैध कब्जों को हटाने में नाकाम है जो जाम का कारण बन रहा है ताकि वन-वे लागू कर लोगों को परेशान किया जाए।