सुजानपुर (पठानकोट)। ब्यास लिंक नहर गांव गंदला लाहड़ी और गांव छोटेपुर के पास भूमि कटाव के चलते कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। सूरतेहाल यह है कि नहर के साथ से गुजरती सड़क भी कटाव की चपेट में आने लगी है और नहर का किनारा टूटने से आसपास की आबादी को नुकसान होने की आशंका भी जताई जा रही है। वहीं नहर के रखरखाव व मरम्मत देखने वाला सिंचाई विभाग भी कुंभकर्णी नींद सोया हुआ है।
उल्लेखनीय है कि हर साल पंजाब सरकार नहरों की मरम्मत और सफाई पर करोड़ों रुपये खर्च करती है, लेकिन करोड़ों खर्च करने के बावजूद नहरों में दरारें पड़ना आम बात हो गई है। पठानकोट-सुजानपुर रोड से गुजरती ब्यास लिंक नहर का किनारा भी गंदला गांव के पास टूटने के हालात बनी हैं। नहर के किनारे से मिट्टी गायब होने से कटाव धीरे धीरे आगे की ओर बढ़ता जा रहा है। इस संबंध में चरणजीत सैनी, अंचल दास, लक्की कुमार, अश्विनी कुमार, राज शर्मा ने बताया कि गांव गंदला लाहड़ी और छोटेपुर में बयास लिंक नहर की मरम्मत पर लाखों रुपये खर्च किए गए हैं, उसके बावजूद नहर में कटाव शुरु हो गया है। इससे नहर के किनारे लगती सड़क भी उसकी चपेट में आना शुरु हो गई है। जबकि नहर के टूटने का खतरा भी बना हुआ है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2011 में सिंचाई विभाग की ओर से अपरबारी दोआब नहर पर माधोपुर से सरना तक की नहरों की सफाई व मरम्मत कराई गई है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि एक साल में ही मरम्मत होने के बाद नहर में भूमि कटाव शुरु हो गया जोकि मरम्मत में घटिया सामग्री के इस्तेमाल होने की तरफ इशारा करती है। इस बारे में पूछने पर सिंचाई विभाग के एसडीओ जसपाल सिंह भिंडर ने बताया कि गांव छोटपुर के पास भूमि कटाव को रोकने के लिए साढ़े छह लाख का प्रस्ताव बनाकर उच्चाधिकारियों को भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि प्रस्ताव पास होने के बाद मरम्मत का काम शुरु करा दिया जाएगा।