पठानकोट। पठानकोट के गांव अजीजपुर निवासी हरदीप सिंह (20) अपने अच्छे जीवन के लिए सऊदी अरब में काम करने के लिए गया था, लेकिन उसे नहीं पता कि विदेश में मानव तस्करों के हत्थे चढ़ जाएगा। पिछले कई माह से उसका कोई अता पता नहीं है । हरदीप के लापता होने पर उसके परिजनों ने भारतीय उच्चायोग से उसे ढूंढने की गुहार लगाई है। मामले की शिकायत उसके भाई विजय कुमार ने पुलिस से भी की गई है।
युवक के भाई विजय ने बताया कि गांव सोली भोली के विजय कुमार ने हरदीप को कुवैत में नौकरी दिलाने और 30 हजार रुपये मासिक वेतन दिलवाने का भरोसा दिलाया। उन्होंने बताया कि कुवैत भेजने के लिए 1 लाख की मांग का सौदा 90 हजार में तय हुआ था। हरदीप ने जेसीबी आपरेटर की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद उसकी मुंबई के ट्रेवल एजेंट असलम खान से मुलाकात कराई गई। 25 जनवरी 2011 को उसे फ्लाइट से कुवैत भेज दिया गया। इसके बाद हरदीप ने उसे मोबाइल पर बताया कि सऊदी अरब में उसे नौकरी देने की बजाए मरुस्थल जंगल में ऊँटों और बकरियों की देखरेख करने के लिए रखा गया है और वहां पहुंचने के बाद उसे एक सप्ताह तक स्थानीय एजेंट याकूब के घर पर हरदीप को बंद कमरे में रखा गया था। उन्होंने बताया कि हरदीप को परिजनों से बात करने की मंजूरी नहीं थी। उन्होंने बताया कि घर वापस लौटने की बात करने पर उससे मारपीट की जाती है जोकि उसने फोन पर रोते बयां की है। उन्होंने बताया कि स्थानीय ट्रेवल एजेंट याकूब ने उसके भाई को वापिस भेजने के भरोसा दिलाने के बावजूद नहीं भेजा है। जबकि हरदीप की आप बीती सुनने के बाद उन्होंने मुंबई में ट्रेवल एजेंट असलम खान से भी संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उसने कोई जबाव नहीं दिया है। उन्होंने बताया कि मुंबई जाकर ट्रेवल एजेंसी संचालक असलम खान को ढूंढने के लिए उन्हें पुलिस की मद्द की जरुरत है। इस बारे में डीएसपी रुरल प्रभजीत सिंह विर्क ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है और मानव तस्करी के धंधे में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।