मोहाली। जिला संगरूर में स्कूल वैन में आग लगने से हुई चार बच्चों की दर्दनाक मौत के बाद सोमवार को जिला प्रशासन की भी नींद खुल गई। सुबह और शाम को स्पेशल नाके लगाकर स्कूल बसों और ऑटो की चेकिंग की गई। इस दौरान बसों में कई तरह की खामियां सामने आईं। बसों में फर्स्ट एड किट से लेकर अटेंडेंट तक गायब मिले। इतना ही नहीं कई बसों में लगे फायर सेफ्टी सिलिंडर तक खराब मिले। इस दौरान 68 वाहनों की जांच की गई। वहीं, 50 वाहनों के चालान काटे गए जबकि 18 वाहनों को जब्त किया गया। डीसी गिरीश दयालन ने कहा कि किसी को भी ट्रैफिक नियम तोड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी। हालांकि स्कूल बस ऑपरेटरों ने प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ संघर्ष का बिगुल बजा दिया है। उन्होंने फेज-आठ के दशहरा ग्राउंड में प्रशासन के खिलाफ मंगलवार को एकजुट होने का फैसला लिया है। इसके बाद संघर्ष की रणनीति तय होगी।
सोमवार को डीसी गिरीश दयालन के आदेश पर सोमवार सुबह छह बजे से ही जिले के अधिकारी व एसडीएम सड़कों पर उतर गए थे। इस दौरान विभिन्न जगहों पर नाके लगाकर स्कूल बसों की पड़ताल की गई। आरटीए सुखविंदर कुमार ने बताया कि मोहाली में 25 वाहनों की जांच की गई। इनमें से 11 वाहनों को कब्जे में ले लिया गया। वहीं 14 वाहनों के चालान किए गए। एसडीएम खरड़ हिमांशु जैन ने चार और एटीओ सिमरन सरां ने 14 वाहनों के चालान किए। इसके साथ ही उन्होंने चार वाहनों को कब्जे में लिया। एसडीएम मोहाली जगदीप सहगल ने 11 वाहनों के चालान काटे व एक वाहन को कब्जे में लिया। एसडीएम डेराबस्सी कुलदीप बावा ने सात वाहनों के चालान काटे व दो वाहनों को कब्जे में लिया।
ट्रैफिक पुलिस ने भी काटे चालान
सेफ स्कूल वाहन स्कीम कमेटी ने जिले में पड़ते स्कूलों द्वारा प्रयोग किए जाने वाले वाहनों की जांच की। कमेटी ने प्रबंधकों से कहा कि स्कूली बच्चों को ले जाने वाले वाहन बढ़िया स्थिति में होने चाहिएं और हर बस में सहायक जरूर होना चाहिए। वाहनों में लगे सुरक्षा उत्पाद ठीक हालात में होने चाहिएं।
बसों में यह खामियां मिलीं
मोहाली शहर की अधिकतर स्कूल बसों के बाहर रिफ्लेक्टर तक नहीं लगे थे। वहीं, बसों के ड्राइवर उचित यूनिफॉर्म में नहीं थे। इसके अलावा कई बसों में अटेंडेंट तक नहीं है। वहीं बसों में बच्चों के लिए सीट बेल्ट तक नहीं है। यही नहीं कई बसों में तो कैमरे तक काम नहीं कर रहे थे। प्रशासन का कहना था कि बसों में बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जएगा।
स्कूल बसों में कैमरों की जांच के लिए कमेटी गठित
स्कूल बसों में कैमरे काम कर रहे हैं या नहीं। इस काम की जांच के लिए एक स्पेशल कमेटी जिला प्रशासन द्वारा कुछ समय समय पहले ही तय की गई थी। यह कमेटी दस दिन में अपनी रिपोर्ट पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट को देगी।
मोहाली। जिला संगरूर में स्कूल वैन में आग लगने से हुई चार बच्चों की दर्दनाक मौत के बाद सोमवार को जिला प्रशासन की भी नींद खुल गई। सुबह और शाम को स्पेशल नाके लगाकर स्कूल बसों और ऑटो की चेकिंग की गई। इस दौरान बसों में कई तरह की खामियां सामने आईं। बसों में फर्स्ट एड किट से लेकर अटेंडेंट तक गायब मिले। इतना ही नहीं कई बसों में लगे फायर सेफ्टी सिलिंडर तक खराब मिले। इस दौरान 68 वाहनों की जांच की गई। वहीं, 50 वाहनों के चालान काटे गए जबकि 18 वाहनों को जब्त किया गया। डीसी गिरीश दयालन ने कहा कि किसी को भी ट्रैफिक नियम तोड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी। हालांकि स्कूल बस ऑपरेटरों ने प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ संघर्ष का बिगुल बजा दिया है। उन्होंने फेज-आठ के दशहरा ग्राउंड में प्रशासन के खिलाफ मंगलवार को एकजुट होने का फैसला लिया है। इसके बाद संघर्ष की रणनीति तय होगी।
सोमवार को डीसी गिरीश दयालन के आदेश पर सोमवार सुबह छह बजे से ही जिले के अधिकारी व एसडीएम सड़कों पर उतर गए थे। इस दौरान विभिन्न जगहों पर नाके लगाकर स्कूल बसों की पड़ताल की गई। आरटीए सुखविंदर कुमार ने बताया कि मोहाली में 25 वाहनों की जांच की गई। इनमें से 11 वाहनों को कब्जे में ले लिया गया। वहीं 14 वाहनों के चालान किए गए। एसडीएम खरड़ हिमांशु जैन ने चार और एटीओ सिमरन सरां ने 14 वाहनों के चालान किए। इसके साथ ही उन्होंने चार वाहनों को कब्जे में लिया। एसडीएम मोहाली जगदीप सहगल ने 11 वाहनों के चालान काटे व एक वाहन को कब्जे में लिया। एसडीएम डेराबस्सी कुलदीप बावा ने सात वाहनों के चालान काटे व दो वाहनों को कब्जे में लिया।
ट्रैफिक पुलिस ने भी काटे चालान
सेफ स्कूल वाहन स्कीम कमेटी ने जिले में पड़ते स्कूलों द्वारा प्रयोग किए जाने वाले वाहनों की जांच की। कमेटी ने प्रबंधकों से कहा कि स्कूली बच्चों को ले जाने वाले वाहन बढ़िया स्थिति में होने चाहिएं और हर बस में सहायक जरूर होना चाहिए। वाहनों में लगे सुरक्षा उत्पाद ठीक हालात में होने चाहिएं।
बसों में यह खामियां मिलीं
मोहाली शहर की अधिकतर स्कूल बसों के बाहर रिफ्लेक्टर तक नहीं लगे थे। वहीं, बसों के ड्राइवर उचित यूनिफॉर्म में नहीं थे। इसके अलावा कई बसों में अटेंडेंट तक नहीं है। वहीं बसों में बच्चों के लिए सीट बेल्ट तक नहीं है। यही नहीं कई बसों में तो कैमरे तक काम नहीं कर रहे थे। प्रशासन का कहना था कि बसों में बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जएगा।
स्कूल बसों में कैमरों की जांच के लिए कमेटी गठित
स्कूल बसों में कैमरे काम कर रहे हैं या नहीं। इस काम की जांच के लिए एक स्पेशल कमेटी जिला प्रशासन द्वारा कुछ समय समय पहले ही तय की गई थी। यह कमेटी दस दिन में अपनी रिपोर्ट पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट को देगी।