कुराली में साहित्यकारों ने पंजाबी लिखारी सभा की बैठक में रचनाएं पेश कीं
संवाद न्यूज एजेंसी
कुराली। स्थानीय पंजाबी लिखारी सभा की बैठक सभा के अध्यक्ष हरदीप सिंह गिल की अध्यक्षता में हुई। इस दौरान साहित्यकारों ने अपनी रचनाएं भी पेश कीं। बैठक में चले इस साहित्यिक कार्यक्रम की शुरुआत कुलविंदर खैराबादी ने अपनी रचना ‘कॉन्टैक्ट लिस्ट’ से की। खैराबादी ने दुनिया से विदा हुए लोगों की अविस्मरणीय स्मृतियों की मनोवैज्ञानिक हकीकत को कलात्मक रंग के साथ प्रस्तुत किया। चरणजीत सिंह कटरा ने अपनी कविता प्यार मोहब्बत के माध्यम से स्नेह के महत्व पर प्रकाश डाला। केसर सिंह कंग ने कविता के जरिए शेख फरीद साहिब की पंजाबी भाषा और मानवता के योगदान का उल्लेख किया। अमरजीत कौर मोरिंडा ने गजल ‘लबां ते रेहदा उसदा ना’ के माध्यम से दिखावे और हकीकत के बीच के अंतर को दिखाया। भूपिंदर सिंह भागोमाजरा ने अपनी कविता ‘बापू’ के माध्यम से प्यार के बजाय पिता द्वारा कड़ी मेहनत और जिम्मेदारी की भावना विकसित करने के अपने व्यक्तिगत अनुभव को साझा किया।
कामरेड गुरनाम सिंह खानपुर ने डॉ. दीवान सिंह काले पानी के जीवन के विभिन्न पहलुओं को जिक्र किया। गुरनाम सिंह मोरिंडा ने बाबा राम सिंह नामधारी के जीवन और स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान को याद किया। सतविन्द्र सिंह ने अपनी पुस्तक अनंत विस्तार के बारे में जानकारी दी। डॉ. राजिंदर सिंह ने भगत रविदास जी के जीवन और कविताओं की वर्तमान में प्रासंगिकता पर चर्चा की। सभा के अध्यक्ष हरदीप सिंह गिल ने राजनीति के पतन पर चिंता व्यक्त करते हुए अपनी कविता सुनाई। उन्होंने पांच मार्च को जिला लिखारी सभा रोपड़ द्वारा महाराजा रणजीत सिंह के संबंध में आयोजित होने वाले कवि दरबार संबंधी विचार किया।
फोटो कैप्शन
पंजाबी लिखारी सभा में भाग लेते हुए साहित्यकार।