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Mohali News: मोहाली जिला बनेगा पर्यटकों की पहली पसंद, सभी ऐतिहासिक स्थलों तक चलेगी बस

Chandigarh Bureau चंडीगढ़ ब्यूरो
Updated Mon, 30 Jan 2023 02:01 PM IST
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मोहाली जिला बनेगा पर्यटकों की पहली पसंद, सभी ऐतिहासिक स्थलों तक चलेगी बस


फतेह बुर्ज मीनार से खरड़ के अज्ज सरोवर, घड़ूआं स्थित पांडव झील, मिर्जापुर से सिसवां डैम और गांव मसौल के म्यूजियम तक होगी शटल बस सेवा

माई सिटी रिपोर्टर
मोहाली। प्रदेश की आम आदमी पार्टी की सरकार के मोहाली जिले को पर्यटन के क्षेत्र में विकसित करने की कार्य योजना पर काम शुरू हो गया है। इसमें फतेह बुर्ज मीनार से शुरू होकर खरड़ के अज्ज सरोवर, घड़ूआं स्थित पांडव झील, मिर्जापुर होते हुए सिसवां डैम और गांव मसौल में बनने वाले म्यूजियम तक शटल बस चलाई जाएगी।
जानकारी के मुताबिक पर्यटन मंत्री अनमोल गगन मान ने एक समारोह के दौरान मिर्जापुर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करके जिले के दूसरे पर्यटन स्थलों से जोड़ने की बात कही है। उनका कहना है कि इससे चंडीगढ़ की तर्ज पर यहां आने वाले पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकेगा। वहीं इससे जिले में रोजगार भी बढ़ेगा। अधिकारी अब इस दिशा में काम कर रहे हैं।

अभी हैं सिर्फ दो पर्यटन स्थल
मोहाली जिले में अभी तक सिर्फ दो ही पर्यटन स्थल हैं। इनमें से एक ऐतिहासिक गांव चप्पड़चिड़ी में भारत की सबसे बड़ी मीनार फतेह बुर्ज है। इसकी ऊंचाई करीब 328 फुट है। यह 2011 में बनकर तैयार हुई थी। इसके अलावा गांव सिसवां में कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार में सिसवां डैम को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया था। यहां पर पर्यटकों को पार्क, वोटिंग एवं टेंट हाउस जैसी सुविधाएं विकसित की गई थी। इसे 2021 में पर्यटकों के लिए खोला गया था। तब से अब तक यहां पर्यटकों की संख्या में इजाफा तो हुआ है, लेकिन यातायात के उचित संसाधन न होने के कारण उम्मीद के मुताबिक सैलानी नहीं पहुंच पा रहे हैं।
खरड़ हलके में विकसित होंगे चार पर्यटन स्थल
खरड़ विधानसभा क्षेत्र में चार ऐतिहासिक स्थल हैं। इनमें से अज्ज सरोवर (इसे भगवान श्री रामचंद्र जी के दादा महाराजा अज्ज ने बनवाया था) और पांडव झील (भीम के बेटे घटोत्कच का जन्म यहां हुआ था) को विकसित करने का काम चल रहा है। वहीं गांव मिर्जापुर में अंग्रेजों के जमाने का एक वन विभाग का सरकारी रेस्ट हाउस बना हुआ है। 1914 में बने इस रेस्ट हाउस की जमीन अंबाला जिला अधिकारी के नाम पर रजिस्टर्ड है। यहां पर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रताप सिंह कैरों और भारत के पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह भी एक रुपया देकर रात गुजार चुके हैं। वहीं अब गांव मसौल में सबसे पुराने जीवाश्म मिलने के बाद यहां म्यूजियम बनाने की तैयारी चल रही है।
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