मोहाली। बच्चों की मैथ पर पकड़ मजबूत बनाने के लिए पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने इसी सत्र से गणित का प्रेक्टिकल सिलेबस भी शुरू किया है। इसके पीछे सोच यही है कि बच्चे आसानी से मैथ के फंडों को समझ पाएं। जिसके लिए शिक्षा विभाग ने भी स्कूलों को मैथ लैब बनाने के आदेश दिए हैं। लेकिन यह मैथ लैब अब स्कूल प्रिंसिपलों के लिए मुसीबत बन गई हैं, क्योंकि कई स्कूलों में तो बच्चों के बैठने की जगह नहीं है। ऐसे में मैथ लैब कैसे बन पाएगी। प्रिंसिपलों को यह चिंता सताए जा रही है।
डायरेक्टर जनरल स्कूल एजूकेशन की तरफ से स्कूलों को आदेश दिए गए हैं। इसमें स्कूलों प्रिंसिपलों को साफ कहा गया है कि अगर स्कूल में कोई अतिरिक्त कमरा खाली पड़ा है। तो उसमें मैथ लैब बनाई जाए। नहीं तो स्कूल की लाइब्रेरी, साइंस लैब में ही मैथ लैब बनाकर पढ़ाई कराई जाए। वहीं, लैटर में साफ कहा गया कि यदि बच्चों को मैथ के प्रेक्टिकल नहीं करवाए गए, तो स्कूल प्रिंसिपलों पर कार्रवाई होगी। वहीं, ज्यादातर स्कूल प्रिंसिपलों का मानना है कि जहां बच्चों के बैठने के लिए जगह नहीं, ऐसे में लैब कैसे बनेगी। प्रशासन को इस फैसले पर विचार करना चाहिए।
गौरतलब है कि गत वर्ष एक जिले के पांच हजार और राज्य के एक लाख बच्चों की मैथ में कंपार्टमेंट आई थी। उसके बाद मैथ लैब बनाने का आइडिया बोर्ड के थिंक टैंक ने दिया है। मैथ प्रेक्टिकल कक्षा 6वीं से 10वीं तक के विद्यार्थियों के करवाए जाएंगे।