मोहाली। सरकार द्वारा वेतन में बढ़ोत्तरी न किए जाने के विरोध में रविवार को राज्य के विभिन्न स्कूलों में कार्यरत टीचर सड़कों पर आ गए। इस दौरान टीचरों ने पहले दशहरा ग्राउंड में रैली की। फिर रोष प्रदर्शन करते हुए वेे चंडीगढ़ की तरफ रवाना हुए, लेकिन चंडीगढ़ पुलिस ने वाईपीएस चौक पर पहले से ही नाकाबंदी की हुई थी। इसके चलते टीचर चंडीगढ़ में प्रवेश नहीं कर पाए। वहीं, टीचरों के धरने के चलते करीब ढाई घंटे तक शहर के लोगों को परेशानी उठानी पड़ी। क्योंकि इस दौरान वाईपीएस रोड पर आवाजाही पूरी तरह बंद रही। बाद में मुख्यमंत्री के ओएसडी सुरजीत सिंह ने फोन पर ही टीचरों को मुलाकात का टाइम दिलवाया। जिसके बाद सड़क पर आवाजाही शुरू हो पाई।
सरकार बनने के बाद टीचरों द्वारा पहली बार यह धरना दिया। धरने में तीन साल पहले रखे गए 7654 टीचर यूनियन के सदस्य शामिल हुए। धरना 7654 सांझा फ्रंट टीचर यूनियन के बैनर तले दिया गया। सुबह नौ बजे से टीचर दशहरा ग्राउंड में पहुंचना शुरू हो गए थे। पुलिस की तरफ से भी टीचरों के प्रदर्शन को देखते हुए काफी तगड़े बंदोबस्त किए थे। भारी संख्या में पुलिस के जवान तैनात किए थे।
दोपहर पौने एक बजे तक विभिन्न जिलों से आए टीचरों ने रैली को संबोधित किया। इसके बाद टीचर तपती धूप में चंडीगढ़ के लिए रवाना हो गए। लेकिन वाईपीएस चौक पर चंडीगढ़ पुलिस ने पहले ही नाकेबंदी कर रखी थी। जिसके चलते टीचर वहीं पर बैठ गए और मुख्यमंत्री से मिलने की मांग पर अड़ गए। लेकिन मुख्यमंत्री के शहर से बाहर होने पर मुलाकात संभव नहीं थी। अधिकारियों द्वारा कई बार कोशिश की गई। इसके बाद मुख्यमंत्री के ओएसडी सुरजीत सिंह से संपर्क किया गया। उन्होंने फोन पर टीचर यूनियन के नेताओं को 23 मई को शाम चार बजे सीएम से मुलाकात का समय दिया। इसके बाद टीचरों ने सामूहिक रूप से शपथ ली कि यदि मुलाकात में उनकी मांग पर विचार नहीं किया गया, तो टीचर सड़कों पर आ जाएंगे। इसकी सारी जिम्मेदारी सरकर की रहेगी। तीन बजे के बाद महत्वपूर्ण वाईपीएस रोड पर आवाजाही बहाल हुई।