मोहाली। पाकिस्तान के 71 वर्षीय सफदर हयात कुरैशी को मोहाली के डॉक्टरों की बदौलत नई जिंदगी मिल गई। एबडॉमिनल एओर्टिक एन्यूरिज्म की वजह से उनकी जिंदगी खतरे में पड़ गई थी। फोर्टिस अस्पताल के वस्कुलर सर्जन डॉ. रावुल जिंदल ने उनकी सफल सर्जरी की।
डॉ. जिंदल ने वीरवार को बताया कि कुरैशी स्मोकर थे और उन्हें हाइपरटेंशन की शिकायत थी। पाकिस्तानी डॉक्टरों ने भारत या सिंगापुर जाकर सर्जरी कराने की सलाह दी थी। 11 मई को उन्हें यहां दाखिल किया गया और अब वह इलाज कराकर 18 मई को अपने वतन वापस जा रहे हैं। डॉ. जिंदल ने कहा कि समय से इलाज न हो तो एओर्टा फट सकती है और मरीज की जान भी जा सकती है। ओपन सर्जरी में खतरा ज्यादा होता है। इसीलिए कुरैशी की मिनिमल इन्वेसिव सर्जरी की गई।
उन्होंने बताया कि स्मोकर्स को एओर्टिक एन्यूरिज्म का खतरा ज्यादा होता है। महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में इसका रिस्क पांच से दस गुना ज्यादा होता है। अगर नाभि, पेट, छाती या पीठ में हल्का दर्द महसूस हो और उम्र 55 से ज्यादा हो। बीपी हो और तंबाकू का सेवन करते हों तो इस बीमारी की चपेट में आने की आशंका ज्यादा रहती है।
क्या है एओर्टिक एन्यूरिज्म
यह एओर्टा की बीमारी है, जो दिल से लेकर पेट के निचले हिस्से तक जाती है। चूंकि एओर्टा ही पूरे शरीर तक खून पहुंचाती है, इसलिए इससे जुड़ी बीमारी घातक हो सकती है। एओर्टिक एन्यूरिज्म में एओर्टा में सूजन आ जाती है और स्थिति बिगड़ने पर यह फट सकती है।