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मोहाली। नयागांव के पास स्थित कांसल में लोग तीन दिनों से तरस रहे हैं। पॉवरकॉम ने यहां के ट्यूबवेलों का बकाया लाखों हो जाने के बाद उनके कनेक्शन काट दिए हैं। जिससे ट्यूबवेल नहीं चल रहे। एक तरफ लोग प्यासे हैं। दूसरी तरफ इस मुद्दे को सुलझाने के बजाय सरकारी विभाग आपस में फुटबॉल खेल रहे हैं। जन सेहत विभाग और नोटिफाइड एरिया कमेटी ने इसके लिए एक दूसरे पर दोष लगाया है।
कांसल में चार ट्यूबवेलों से पानी सप्लाई किया जाता है। जिनमें से दो का कनेक्शन पॉवरकॉम ने काट दिया है। इलाकावासी गुरप्रीत सिंह ने बताया कि वह साल का एडवांस बिल देते रहे हैं। यहां लोग तीन महीने से लेकर साल का बिल एडवांस में दे सकते हैं। लगभग सभी लोगों ने बिल दिए हुए हैं, लोगों के पास जन सेहत विभाग की रसीदें भी हैं। अब उन्होंने पूछा तो पता चला कि पावरकॉम ने कनेक्शन इसलिए काटा कि इनका बिजली का बिल 46 लाख रुपये से भी ज्यादा हो गया है। इलाके की पार्षद कृष्णा देवी ने कहा कि बिल जन सेहत विभाग वाले लेते रहे हैं। बुधवार को जब वे विभागीय अधिकारियों को पास गए तो उन्हें जवाब मिला कि ट्यूबवेल तो पंचायत के पास हैं, वहीं बिल जमा कराएगी। अब लोग हलका इंचार्ज उजागर सिंह बडाली से मिलने की योजना बना रहे। इस बारे में पूछे जाने पर जन सेहत विभाग के एक्सईएन सुखमिंदर सिंह ने कहा कि ट्यूबवेल 2006 में पंचायतों के हवाले कर दिए गए थे। बिल जमा करने की जिम्मेदारी उन्हीं की है।
उधर, एनएसी प्रधान हरबंत सिंह बाजवा ने इस मामले में दिलचस्प खुलासा किया। बाजवा ने बताया कि जन सेहत विभाग ने 2006 ट्यूबवेलों की देखरेख के लिए एक कमेटी बनाई थी। जिसमें गांव के तत्कालीन सरपंच और विभाग के जेई के नाम से ज्वाइंट अकाउंट खोला गया था। जिसमें बिल की राशि जमा कराई जाती थी। सरपंच की डेढ़ साल पहले मौत हो चुकी है। अब वह राशि कहां है, किसी को नहीं पता। हमेशा से लोगों से बिल जन सेहत विभाग वाले वसूलते आ रहे हैं, उन्हें ही पॉवरकॉम में जमा कराना चाहिए था।
मोहाली। नयागांव के पास स्थित कांसल में लोग तीन दिनों से तरस रहे हैं। पॉवरकॉम ने यहां के ट्यूबवेलों का बकाया लाखों हो जाने के बाद उनके कनेक्शन काट दिए हैं। जिससे ट्यूबवेल नहीं चल रहे। एक तरफ लोग प्यासे हैं। दूसरी तरफ इस मुद्दे को सुलझाने के बजाय सरकारी विभाग आपस में फुटबॉल खेल रहे हैं। जन सेहत विभाग और नोटिफाइड एरिया कमेटी ने इसके लिए एक दूसरे पर दोष लगाया है।
कांसल में चार ट्यूबवेलों से पानी सप्लाई किया जाता है। जिनमें से दो का कनेक्शन पॉवरकॉम ने काट दिया है। इलाकावासी गुरप्रीत सिंह ने बताया कि वह साल का एडवांस बिल देते रहे हैं। यहां लोग तीन महीने से लेकर साल का बिल एडवांस में दे सकते हैं। लगभग सभी लोगों ने बिल दिए हुए हैं, लोगों के पास जन सेहत विभाग की रसीदें भी हैं। अब उन्होंने पूछा तो पता चला कि पावरकॉम ने कनेक्शन इसलिए काटा कि इनका बिजली का बिल 46 लाख रुपये से भी ज्यादा हो गया है। इलाके की पार्षद कृष्णा देवी ने कहा कि बिल जन सेहत विभाग वाले लेते रहे हैं। बुधवार को जब वे विभागीय अधिकारियों को पास गए तो उन्हें जवाब मिला कि ट्यूबवेल तो पंचायत के पास हैं, वहीं बिल जमा कराएगी। अब लोग हलका इंचार्ज उजागर सिंह बडाली से मिलने की योजना बना रहे। इस बारे में पूछे जाने पर जन सेहत विभाग के एक्सईएन सुखमिंदर सिंह ने कहा कि ट्यूबवेल 2006 में पंचायतों के हवाले कर दिए गए थे। बिल जमा करने की जिम्मेदारी उन्हीं की है।
उधर, एनएसी प्रधान हरबंत सिंह बाजवा ने इस मामले में दिलचस्प खुलासा किया। बाजवा ने बताया कि जन सेहत विभाग ने 2006 ट्यूबवेलों की देखरेख के लिए एक कमेटी बनाई थी। जिसमें गांव के तत्कालीन सरपंच और विभाग के जेई के नाम से ज्वाइंट अकाउंट खोला गया था। जिसमें बिल की राशि जमा कराई जाती थी। सरपंच की डेढ़ साल पहले मौत हो चुकी है। अब वह राशि कहां है, किसी को नहीं पता। हमेशा से लोगों से बिल जन सेहत विभाग वाले वसूलते आ रहे हैं, उन्हें ही पॉवरकॉम में जमा कराना चाहिए था।